कर्पूरी ठाकुर एक ऐसे मुख्यमंत्री जिन्होंने कभी सुरक्षा गार्ड का सहारा नहीं लिया ।
वाराणसी 24 जनवरी संवददाता:- भारत के करोड़ों शोषितों के हक के लिए. लाखों निरीह नंगे बच्चों की कमीज और स्लेट के लिए, आंखों में यंत्रणा का जंगल समेटे भटकती आदिवासियों महिलाओं की अस्मिता की रक्षा के लिए, बेसहारा किसानों की जमीन के लिए, फूस के मकानों पर उम्मीद की छप्पर लिये हांफती सांसो वाले लोगों जीत के लिए, लोहिया और अम्बेडकर के सफेद हो चुके सपनों को सतरंगा रंग देने वाले संघर्ष का नाम कर्पूरी ठाकुर है। यह उद्गार कर्पूरी ठाकुर की 99वीं जयन्ती पर आयोजित कचहरी प्रागंण वाराणसी में स्थित कर्पूरी प्रतिमा के समीप धूमधाम से मनायी जा रही जयन्ती के अवसर पर मुख्य अतिथि सरदार सेना के प्रमुख डॉ० आर०एस० पटेल ने व्यक्त की।
उन्होंने आगे कहा कि महान कर्मयोगी, राजनीतिक शिक्षक जननायक कर्पूरी ठाकुर जी के संघर्षों, विचारों, आदर्शों व समाज के कमजोर वर्गों के उत्थान के प्रति उनके योगदान को हम हर वर्ष उनकी जयन्ती के रूप में याद करते हैं और उनसे प्रेरणा लेते हैं। सही मायने में जननायक जी से प्रेरणा लेने वाले एक सच्चे सामाजिक राजनैतिक कार्यकर्ता के अन्दर असीमित धीरज, त्याग और स्वाभिमान होना चाहिए। ऐसे जुझारू, कार्यकर्ता किसी भी प्रतिपूर्ण परिस्थिति में रुकने थकने और झुकने का नाम नहीं लेते। कर्पूरी जी एक ऐसे महान नेता थे जिन्होंने शैक्षिक डिग्री देखकर उसके मुताबिक लोगों को खुले मंच से लाखों सरकारी नौकरियां प्रदान की।
विशिष्ट अतिथि श्री बालकिशुन पटेल, पूर्व अध्यक्ष प्रधान संघ निय ने कहा कि वेदाग छवि के कर्पूरी ठाकुर जी आजादी से दो बार और आजादी मिलने के बाद कई बार जेल गये। वास्तुविकता में कर्पूरी ठाकुर समाजवादी राजनीतिक के बड़े नेता रहें हैं। आज उनके नाम पर माल्यार्पण करने वाले उनकी सादगी और ईमानदारी से भरे रास्ते पर चलने का साहस नहीं कर पा रहें हैं। इसलिए कर्पूरी ठाकुर जी जैसे महान नेता को याद किया जाना जरूरी है
- मौलिक अधिकार पार्टी की प्रदेश उपाध्यक्ष एवं पूर्व विधानसभा प्रत्याशी रोहनिया, श्रीमती संगीता विश्वकर्मा ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर जी सादगी मिसाल थे इसका उदाहरण इस घटना से मिलता है जब वे भारत के प्रतिनिधि मण्डल में शामिल होकर यूगोस्लोवाकिया गये थे और वहां उपस्थित यूगोस्लोवाकिया के राष्ट्रपति मार्शल टीटो ने बात-चीत के दौरान जब यह जाना कि यह सीधे-साधे साधारण से दिखने वाले व्यक्ति भारत के बिहार प्रान्त के मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर जी हैं तो उनके सादगी देखकर टीटो साहब एकदम आवाक रह गये और उन्होंने कर्पूरी ठाकुर जी को एक कोट भेट करके सम्मानित किया।
सैलून एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष श्री विजय प्रताप सविता ने कहा कि जननायक जी के विचारों से ही हम अपनी लड़ाई जीत सकते हैं आज प्रदेश सरकार एक न्यायालय दोनो ही पिछड़ों के आरक्षण को खत्म करने पर तुली हुई है। हमे अपने आरक्षण एवं संविधान के प्रति सजग रहने की जरूरत है और इन दोनो यह बताना बहुत ही जरूरी है। सन् 2024 में जननायक कर्पूरी ठाकुर जी की 100वीं जयन्ती है और सन् 2024 में ही लोकसभा का चुनाव भी होना है। जननायक कर्पूरी ठाकुर जी की शताब्दी जयन्ती वर्ष बहुत ही धूमधाम से मनाया जायेगा और यह जयन्ती राजनीति में एक नया संदेश और परिणाम लेकर आयेगा।
मौलिक अधिकार पार्टी के वरिष्ठ नेता श्री संतोष कुमार विश्वकर्मा ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर जी जैसा नेता आज के युग में होना असम्भव है वे हमेशा जनता के लिए और जनता के बारे में ही सोचते थे। साथ ही साथ उन्होंने कभी प्रोटोकाल या सुरक्षा गार्ड का सहारा नहीं लिये और हमेशा आम जनता के लिए सुलभ रहते थे. आम जनता उनसे किसी भी समय कहीं पर भी मिल लिया करती थी। आज इस राष्ट्र काटेरी ठाकुर जी की जयंती मना रहा है।
- कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे श्री राजेन्द्र प्रसाद शर्मा, राष्ट्रीय प्रवक्ता, मौलिक अधिकार पार्टी ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर जी क्रान्तिकारी बदलाव के पुरोधा बने आधुनिककाल के एक आदर्श शिक्षक, स्वतंत्रता संग्राम के अमर सेनानी, आधुनिक बिहार की राजनीति के चाणक्य, बिहार में असली आजादी दिलाने वाले प्रखर विचारक, सामाजिक न्याय के पुरोधा, गरीबो पिछड़ों और दलितों के सच्चे नेता भूखे-प्यासे बेआवाज की आवाज, जुल्म अत्याचार का सफाया करने वाले अपने सपनों को धरती पर उतारने। वाले, गुदड़ी के लाल जननायक कर्पूरी ठाकुर जैसा नेता होना आज भी दूसरा कोई दिखायी नहीं दे रहा है लोग उनका नाम तो लेते हैं लेकिन उनके विचारों का थोड़ा बहुत भी पालन नहीं कर पाते है जिसकी वजह से सामाजिक विषमता दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है और अमीर लोग और अमीर तथा गरीब लोग दिन प्रतिदिन और भी गरीब होते जा रहें हैं।
कार्यक्रम का संचालन श्री आनन्द शर्मा एवं राम रेनू चन्दन, एडवोकेट ने संयुक्त रूप से किया। कार्यक्रम में सर्वश्री भैया लाला शर्मा, संजय विश्वकर्मा, अजय शर्मा, राजेश शर्मा, अनिल शर्मा, आलोक शास्त्री, धर्मेन्द्र शर्मा, दीनानाथ शर्मा, वीरेन्द्र शर्मा, अमित कुमार शर्मा, मुख्तार अहमद, किशन शर्मा, इस्लाम सलमानी रिंकू शर्मा, बसन्त शर्मा विमलेश कुमार शर्मा, श्याम शर्मा, सोहनलाल शर्मा वंश राजबोड, राजगर चेखर प्रजापति, दीनानाथ शर्मा आदि लोग उपस्थित थे ।।