वाराणसी 04 फरवरी संवददाता :- ऋषि चौतन्य आश्रम की चेयरमैन आनन्द मूर्ति गुरु मां शुक्रवार को आध्यात्मिक कार्यक्रम के सिलसिले में काशी पहुंची। सिगरा स्थित रूद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहाकि जो दिखता है वह शून्य है और जगत मिथ्या है।
उन्होंने देह दान, अंग दान और नेत्र दान की महत्त्वता पर बल दिया। उन्होंने कहाकि समय और परिस्थिति के अनुसार अब हिन्दुओ को बिजली के यंत्रों द्वारा यानी इलेक्ट्रिकल क्रिमेटोरियम द्वारा मृत का संस्कार करना चाहिए। क्योकि एक मुर्दा दो पेड़ लकड़ी खा जाता है। सरकार को इस ओर गम्भीरता से सोचना चाहिए ताकि पर्यावरण संतुलित हो सके। आनंद मूर्ति ने कहाकि इस विषय पर काशी विश्वनाथ के पुजारी से भी चर्चा उन्होंने चर्चा की। साधुओं, संतों व ब्राह्मण का कर्तव्य है कि इस ओर विचार करें। शुद्ध आत्मा पर बात करते हुए गुरु मां ने गीता के का उदाहरण देते हुए कहाकि द्रष्टा की मौत नहीं होती। उन्होने ओम नमः शिवाय का महत्व बताया। कहाकि शिव के सिर पर चंद्रमा का आनंद का रूप, शांति का और सौम्यता का रूप है। गुरू मां ने कहाकि आदि शंकराचार्य ने जो काम पूर्व से पश्चिम उत्तर से दक्षिण तक अध्यात्म के तारों को जोड़ने का काम किया था वह सरहनीय था। भष्मासासुर का उदाहरण देते हुए कहा कि हमारा मन ही भस्मासुर है। भस्मासुर ख़ुद ही हमारी ही इच्छा से स्वाहा हो जाता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *