वाराणसी 11 फरवरी संवददाता :- दुर्गाकुंड स्थित दुर्गा मंदिर के पास शनिवार को कलश यात्रा के साथ मानव कल्याणार्थ आदि शक्ति दुर्गा नौ दिवसीय 22वां चंडी महायज्ञ का आयोजन शुरू हो गया। महायज्ञ में वैदिक विद्वानों, संत, महात्माओं की देखरेख में कथा देवी महात्म्य वर्णन, दुर्गा सप्तशती पाठ सहित विविध धार्मिक अनुष्ठान आयोजित किये जा रहे हैं। इसके लिए मंदिर परिसर में यज्ञ स्थल का निर्माण पूर्ण कर लिया गया। महायज्ञ के आयोजक व मंदिर के महंत पंडित रमेश महाराज ने दुर्गाकुंड स्थित यज्ञ स्थल पर बताया कि काशी में स्थापित यह अति प्राचीन आदिशक्ति मा कुष्मांडा का मंदिर है। रानी भवानी ने मां की प्रेरणा से इस मंदिर व कुंड को बनवाया था। लोक कल्याण के लिए शक्ति की उपासना अति आवश्यक है। इससे मानव जीवन में शक्ति का स्रोत जागृत होता है। मानव कल्याणार्थ यह महायज्ञ हो रहा है। इसमें प्रतिदिन कथा, चंडी पाठ, देवी सप्तशती पाठ, हवन, यज्ञ वैदिक विद्वानों की देखरेख में होंगे। पंडित रमेश महाराज ने बताया कि महायज्ञ के फलीभूत होने के लिए मंदिर प्रांगण में विगत 9 दिसंबर से ही विविध प्रकार की कथा, ध्वजारोहण व धार्मिक अनुष्ठान चल रहे हैं। महायज्ञ का समापन 19 फरवरी को पूर्णाहुति महाप्रसाद भंडारे के साथ होगा ।

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