वाराणसी 16 फ़रवरी :- मध्यदेशीय हलुवाई कानू समाज परिवारों के जन्मजात मूक बधिर बच्चे भी अब खिलखिला सकेंगे। ऐसे बच्चों को वाराणसी के वरिष्ठ सर्जन डॉक्टर मनोज कुमार गुप्ता , चेयरमैन सत्कृति हॉस्पिटल में निःशुल्क कॉकलियर इंप्लांट से इलाज हो पायेगा। भारत, नेपाल और बंग्लादेश में समाज के परिवारों के जन्मजात मूक बधिर बच्चे भी अब खिलखिला सकेंगे। पूर्व ने बच्चों की दिल्ली के एम्स समेत कई बड़े निजी अस्पतालों में इंप्लांट सर्जरी के लिए लाखों रुपये खर्च करने पड़ते थे। इसके लिए सत्कृति फाउंडेशन वाराणसी से अंतराष्ट्रीय संस्था मध्यदेशीय ऑनलाइन इंटरनेशनल कोर कमेटी (MOICC) एवं मध्यदेशीय वैश्य महासभा (अखिल भारतीय मध्यदेशीय वैश्य सभा) यूपी संयुक्त रूप से अंतरराष्ट्रीय राष्ट्रीय स्तर पर अनुबंध किया है। MOICC के संस्थापक एवं राष्ट्रीय कार्यालय मंत्री राजेश कुमार गुप्ता ने बताया कि राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर विजय कुमार गुप्ता एवं यूपी के अध्यक्ष दिनेश कुमार गुप्ता के मार्गदर्शन में यह पुण्य का कार्य सम्पादित किया जाएगा। एक अनुमान के मुताबिक देश में करीब 40 लाख मूक बधिर बच्चे हैं। तमाम बच्चों में यह बीमारी जन्मजात होती है। ऐसे बच्चों का इलाज कॉकलियर इंप्लांट सर्जरी है। यह सुविधा देश के चुनिंदा अस्पतालों में है। सात से आठ लाख रुपये खर्च होने की वजह से गरीब लोग अस्पतालों में बच्चों का इलाज नहीं करा पाते हैं। मध्यदेशीय वैश्य महा सभा (अखिल भारतीय मध्यदेशीय वैश्य सभा) उत्तर प्रदेश (MVMS UP) के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं संरक्षक रंजीत गुप्ता ने बताया कि मुस्कान प्रोजेक्ट से उन परिवारों में खुशहाली लाना मक़सद है जहाँ उम्मीद खत्म हो चुकी है। MOICC के संरक्षक राजेंद्र प्रसाद गुप्ता (मामा जी) एवं विधि सलाहकार वरिष्ठ अधिवक्ता अश्विनी गुप्ता, आलोक गुप्ता, दिलीप गुप्ता, किशोर गुप्ता, राज किशोर, पवन गुप्ता, हेमंत गुप्ता, विनय गुप्ता, पुनीत गुप्ता, रामचन्द्र गुप्ता ने MOICC के 11 वें स्थापना दिवस की बधाई दी है ।।

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