गृह आधारित कंगारू मदर केयर, मातृ व शिशु मृत्यु समीक्षा पर एक दिवसीय कार्यशाला सम्पन्न
वाराणसी, 27 फरवरी संवददाता :- मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय सभागार में सोमवार को होम बेस्ड कंगारू मदर केयर (केएमसी), चाइल्ड डेथ रिव्यु (सीडीआर) एवं मैटरनल डेथ सर्विलांस एंड रिस्पांस (एमडीएसआर) विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित हुई । कार्यशाला का आयोजन स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में न्यूट्रीशन इंटरनेशनल (एनआई) के सहयोग से किया गया।
कार्यशाला की अध्यक्षता कर रहे सीएमओ डॉ संदीप चौधरी ने कहा कि मातृ व शिशु मृत्यु की सही रिपोर्टिंग, कारणों की सटीक जांच के बाद उचित कार्रवाई एवं हर माह की नौ और 24 तारीख को मनाए जाने वाले उच्च जोखिम गर्भावस्था (एचआरपी) दिवस पर बेहतर सेवाएँ प्रदान कर मातृ व शिशु की असामयिक मृत्यु को रोक सकते हैं। इससे नवजात मृत्यु दर (एनएमआर), शिशु मृत्यु दर (आईएमआर) और मातृ मृत्यु दर (एमएमआर) को काफी हद तक कम किया जा सकता है। सीएमओ ने सभी एएनएम और आशा कार्यकर्ताओं को मातृ व शिशु मृत्यु की जानकारी स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी, बीसीपीएम और प्रभारी चिकित्साधिकारी को समय पर देने का निर्देश दिया गया है। इसके लिए नियमित समीक्षा की जाए जिससे जिले में मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम किया जा सके। सीएमओ ने कहा कि अगर महिलाओं को गर्भावस्था के समय ही सही जानकारी उपलब्ध कराई जाए तो जच्चा-बच्चा का सुरक्षित प्रसव कराया जा सकता है।
कार्यशाला में बीएचयू बाल रोग विभाग के एसोसिएट प्रोफसर डॉ अतुल कुमार सरोज ने गृह आधारित कंगारू मदर केयर, शिशु मृत्यु समीक्षा एवं मातृ मृत्यु निगरानी व प्रतिक्रिया कार्यक्रम के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि समय से पहले और कम वजन के जन्मे शिशुओं का सामान्य तापमान बनाए रखने और हाइपोथर्मिया से बचाव के लिए कंगारू मदर केयर विधि बेहद कारगर है। यह प्रक्रिया त्वचा से त्वचा के संपर्क में रहने से शिशु को काफी राहत देती है। उन्होंने बताया कि गर्भावस्था के दौरान या प्रसव/गर्भपात के 42 दिनों के भीतर महिला की मृत्यु की सूचना देना जरूरी है। इसके लिए गर्भावस्था की अवधि और स्थान, मृत्यु संबंधी कारणों के बारे में जानकारी भी देनी चाहिए। इसी तरह शिशु मृत्यु की भी सूचना समय पर देना जरूरी है। एमडीएसआर और सीडीआर प्रणाली एक सतत चक्र है। न्यूट्रीशन इंटरनेशनल की मण्डल समन्वयक अपराजिता ने बताया कि समस्त आशा कार्यकर्ता की ओर से 104 हेल्पलाइन नंबर पर मातृ व शिशु मृत्यु की सूचना देने पर 1000 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है। इस कार्य में ग्रामीण पीएचसी-सीएचसी के स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी व बीसीपीएम, आशा कार्यकर्ताओं का सहयोग करेंगे।
कार्यशाला में डिप्टी सीएमओ डॉ एचसी मौर्य, एसीएमओ डॉ एके मौर्य, प्रशासनिक अधिकारी शेषमणि, डीपीएम संतोष कुमार सिंह, डीएचईआईओ हरिवंश यादव, डिप्टी डीएचईआईओ कल्पना सिंह, उषा ओझा, मातृ स्वास्थ्य परामर्शदाता पूनम गुप्ता, डॉ पूजा जयसवाल सहित पीएचसी-सीएचसी के अधीक्षक, प्रभारी चिकित्साधिकारी, स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी, बीपीएम, बीसीपीएम सहित अन्य स्वास्थ्यकर्मी मौजूद रहे।