वाराणसी 28 फरवरी संवददाता :- अनादि तीर्थ मणिकर्णिका चक्रपुष्करिणी तीर्थ स्थित उत्तराभिमुख गोमुख का रंगभरी एकादशी को श्रद्धालु दर्शन करेंगे। गोमुख का दर्शन व पूजन वर्ष में महज दो बार ही होता है। पहला रंगभरी एकादशी और दूसरा अक्षय तृतीया को। काशी ही नहीं देश भर से श्रद्धालु गोमुख व कुंड के दर्शन के लिए बनारस आते हैं। तीर्थ का वार्षिक शृंगार तीन मार्च को रंगभरी एकादशी की रात होगा। काशी तीर्थ पुरोहित सभा की ओर से होने वाले आयोजन की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। काशी तीर्थ पुरोहित सभा के अध्यक्ष व कुंड के प्रधान तीर्थ पुरोहित पं. मनीष नंदन मिश्र ने बताया कि तीर्थ चक्र रंगभरी एकादशी के दिन काशी तीर्थ पुरोहित सभा की ओर से मां मणिकर्णिका का षोडशोपचार विधि से पूजन किया जाएगा। साथ ही गुलाल सहस्त्रार्चन व वृहद शृंगार के बाद महाआरती की जाएगी। 21 वैदिक आचार्यों द्वारा रुद्री पाठ किया जाएगा। महाश्रृंगार की झांकी रात्रि 8 बजे से प्रारंभ होगी जिसका दर्शन रात्रिपर्यंत चलेगा। इस अवसर पर कुंड में स्थित उत्तराभिमुख गोमुख का भी दर्शन होगा।

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