वाराणसी । कचहरी परिसर स्थित सैनिक कल्याण पुनर्वास ऑफिस में जिलाधिकारी द्वारा अधिवक्ताओं के स्टैंड की निशुल्क व्यवस्था समाप्त किये जाने से गुरूवार को अधिवक्ता भड़क गए। दर्जनों की संख्या में पहुंचे वकीलों ने हंगामा किया। इस दौरान पुलिस अधिकारियों से वकीलों में तीखा विवाद भी हुआ।
जानकारी के अनुसार पूर्व जिलाधिकारी प्रांजल यादव ने कलेक्ट्रेट में सभी गाड़ियों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई थी और बैरिकेडिंग लगाया गया था। इसके बाद तत्कालीन डीएम खुद परिसर के गेट से पैदल ही अपने ऑफिस जाते थे।
उन्हें देखकर अधिवक्ताओं ने विरोध नहीं किया और सभी अधिवक्ता पैदल ही कलेक्ट्रेट परिसर में जाने लगे।
इसी दौरान अधिवक्ताओं की गाड़ी को खड़ा करने के लिए सैनिक कल्याण पुनर्वास ऑफिस में जिलाधिकारी ने निशुल्क व्यवस्था कर दी।
अब यह व्यवस्था कुछ दिन पहले बंद कर दी गई। इसे लेकर अधिवक्ता उग्र हो गए। अधिवक्ताओं ने कहा कि बाहर गाड़ी खड़ा करने पर पुलिस वाहनों का चालान करती है।
कमिश्नर ऑफ पुलिस के प्रांगण में अधिवक्ताओं की गाड़ी नहीं खड़ी करने दी जाती। कलेक्ट्रेट मे भी बैरिकेडिंग लगाकर अधिवक्ताओं की गाड़ी रोक दी जाती है।
एक मात्र यही स्टैंड बचा था जहां सैकड़ों अधिवक्ता अपनी गाड़ी खड़ी कर देते थे। अब उसे भी तार से घेर कर बंद कर दिया गया। वकीलों का कहना है कि प्रशासन मनमानी कर रहा है।
ऐसे में अधिवक्ताओं के सामने निःशुल्क वाहन खड़ी करने की समस्या है। हालांकि तीखी नोकझोंक के बाद बैरिकेडिंग खोल दी गई।
अधिवक्ताओं ने कहा कि यदि इस समस्या का निवारण स्थाई रूप से जल्द नहीं किया गया तो हम लोग इसके लिए बड़ा आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे।

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