वाराणसी । कोतवाली के डीएवी कॉलेज ग्राउंड में दो अज्ञात लोगों द्वारा क्रिकेट कोच राम लाल यादव उर्फ दादा (62) को गोली मारने की घटना का पुलिस ने खुलासा आज अप्पर पुलिस आयुक्त मुख्यालय एवं अपराध संतोष सिंह ने अपने कार्यालय में कीया। बता दें कि कोतवाली और क्राइम ब्रांच की टीम में मुखबिर की सूचना पर शिवपुर बाईपास के आगे जौनपुर जाने वाली सड़क से कुल 4 आरोपी रामजी दुबे, प्रभात दास, मोहम्मद नदीम खान व मोहम्मद नसीम को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार आरोपियों से कड़ाई से पूछताछ के बाद एक अन्य आरोपी मनीष सिंह को उसके घर से गिरफ्तार किया गया जिसके कब्जे से अवैध असलहा व कारतूस बरामद हुए हैं। अप्पर पुलिस आयुक्त ने पुलिस टीम को ₹25000 के इनाम से पुरस्कृत किया है। पत्रकारों से वार्ता करते हुए अपर पुलिस आयुक्त संतोष सिंह ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों से कड़ाई से पूछताछ की गई तो गिरफ्तार राम जी दुबे ने बताया कि उसके पिता डीएवी कॉलेज में चपरासी थे बचपन से ही क्रिकेट कोच राम लाल यादव मेरी मां पर बुरी नियत रखते थे तथा मेरी मां के साथ कई बार मेरे सामने गलत काम किए थे मैं छोटा होने के कारण चुप रहा इन लोगों के दबंग प्रकृति का होने के कारण आसपास के लोग इनसे व उनके परिवार से डरते थे। करीब 1 साल से राम लाल यादव को जान से मारने की योजना बनाने में लगा था जिस के क्रम में मेरे साथ नशा करने के दौरान कुछ महीने पहले मैंने नदीम प्रभात दास नसीम और अफजल को अपनी मां के साथ हुए अत्याचार के बारे में बताया तो वह लोग भी मुझ से सहानुभूति करने लगे तथा इसी दौरान मैंने उनको कुछ लालच भी दिया था । घटना की एक हफ्ता पहले भी हम लोगों ने रामलाल यादव को मारने की योजना बनाई थी लेकिन मैदान में भीड़ ज्यादा होने के कारण असफल रहे तथा 1 मई को पुनः डीएवी कॉलेज के पास हमारी बनाई गई योजना के मुताबिक अफजल व नदीम टेंपो लेकर नदीम के द्वारा किराए पर लिए गए मकान पर जहां मैंने 30 अप्रैल की रात में प्रभात वसीम को रुकवाया था पहुंचे और सुबह उन दोनों को पिस्टल देखकर अफजल और नदीम के साथ टेंपो पर बैठाकर राम लाल यादव की हत्या करने के लिए भेज दिया जहां पर प्रभात व नसीम ने रामलाल यादव पर गोली चलाई थी एवं अफजल वह नदीम टेंपो लेकर खड़े रहे गोली मारने के बाद पुनः टेंपो लेकर वही हुकूलगंज में मिले और वहीं पर दोनों से पिस्टल लेकर चला गया तथा बाकी लोग टैंपो व अलग-अलग साधनों से भाग गए। अफजल की गिरफ्तारी के बाद पुलिस की गतिविधि तेज होने के कारण आज हम लोग इकट्ठा होकर अलग-अलग जगह भागने की फिराक में थे कि पुलिस द्वारा पकड़ लिए गए। घटना में प्रयुक्त पिस्टल के बारे में कड़ाई से पूछने पर रामजी दुबे ने बताया कि जो पिस्टल घटना में प्रयुक्त हुई थी वह मनीष सिंह निवासी पहाड़िया थाना सारनाथ वाराणसी जो हमारे पुराने मुकदमों के वकील हैं तथा अवैध असलहा को खरीदने व बेचने का काम भी करते हैं उन्हीं से असला खरीदे थे तथा घटना को अंजाम देने के बाद मैंने अस्सलाम मनीष सिंह को ले जाकर दे दिया।