वाराणसी । शिक्षा शास्त्र विभाग महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के पुरा विद्यार्थी परिषद के तत्वाधान में गुरुदेव रविंद्र नाथ टैगोर की जयंती मनाई गयी| जयंती के अवसर पर आयोजित परिसंवाद मे अध्यक्षीय उद्बोधन करते हुए प्रोफेसर रमाकांत ने कहा कि लघुता के सामिप्य की इच्छा करने वाले विश्व विख्यात शिक्षा शास्त्री ,दार्शनिक, चित्रकार, शिक्षक, लेखक, क्रांतिकारी एवं बहुमुखी प्रतिभा से संपन्न गुरुदेव रविंद्र नाथ टैगोर भारत के महापुरुषों में अपना विशिष्ट स्थान रखते हैं| गुरुदेव शिक्षा, साहित्य एवं समाज के पारखी थे|विशिष्ट वक्ता के रूप में बोलते हुए डॉ वीणावादिनी ने कहा कि रविंद्र नाथ टैगोर विश्व की सर्वोच्च शक्ति के रूप में सत्यम शिवम सुंदरम अद्वैत के प्रति प्राकृतिक एवं आध्यात्मिक शिक्षा के समन्वयक व मानवतावाद के विचारों से परिपूर्ण व्यक्तित्व वाले व्यक्ति थे |गुरुदेव के अंतरराष्ट्रीय अवबोध विचार राष्ट्रीयता के मार्ग में या राष्ट्रप्रेम के मार्ग में कभी भी बाधक नहीं बना| वे वसुधैव कुटुंबकम की धारणा को आगे बढ़ाते हुए समस्त विश्व को एक समझते थे तथा भारतीयों को विश्व नागरिकता का सम्मान करने के लिए प्रेरित करते थे | गुरुदेव सदैव अपने शैक्षिक विचारों में प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से शिक्षा के उद्देश्यों हो बौद्धिक विकास को आवश्यक मानते थे | मुख्य वक्ता डॉ दिनेश कुमार ने गुरुदेव के विचारों पर दृष्टिपात करते हुए कहा कि टैगोर ने विश्व भारती की स्थापना से एक व्यवहारिक शिक्षा शास्त्री होने का परिचय प्रदान किया | शिक्षा के आधुनिक एवं परंपरागत शैली का संबंधित समन्वय विश्व भारती में स्पष्ट दिखाई देता है| वक्ता द्वय डॉ ज्योत्सना राय ने रविंद्र नाथ टैगोर को मानवतावादी कहते हुए बताया कि रवींद्नाथ मानव जाति का उद्धार करना चाहते थे और मनुष्य के मूल्य को गिराने के घोर विरोधी थे| वे प्राकृतिक शिक्षा के समर्थक परंतु अनुशासन युक्त जीवन के पक्षधर थे|
शोधर्थिनी शालिनी मिश्रा ने रविंद्र नाथ टैगोर जी की रचनाओं पर विश्लेषण करते हुए कहा कि टैगोर शिक्षा के क्षेत्र में कोरे सिद्धांत वादी न होकर व्यवहारिक शिक्षा शास्त्री थे |मातृभाषा के माध्यम से शिक्षा की बात करके अंतरराष्ट्रीय अवबोध की शिक्षा पर बल देने वाले वैदिक एवं आध्यात्मिक विकास के लिए प्रयासरत करते हुए द्विमार्गी शिक्षण शैली के प्रवल समर्थक थे | इस परिसंवाद मे उम्मुल् फातमी ,शिखा राय, पूनम, ज्योति झा, नैना चौरसिया, विजेता सिंह, रीता यादवअनुक्ता, तुलिका, अलका, काजल समेत समस्त विद्यार्थी उपस्थित थे| यह जानकारी विवि के सूचना एवं जन संपर्क अधिकारी डॉ नव रतन सिंह जी ने दी