वाराणसी । स्वास्थ्य विभाग ने अन्य विभागों के सहयोग से एक अप्रैल से 30 अप्रैल तक संचारी रोग नियंत्रण व दस्तक अभियान सफलतापूर्वक चलाया। दस्तक अभियान में स्वास्थ्य विभाग की ओर से 5.85 लाख घरों का सर्वेक्षण किया। इसमें बुखार, इनफ्लुएंजा लाइक इलनेस (सर्दी, खांसी, जुखाम) लक्षण वाले व्यक्तियों की स्क्रीनिंग की गई। इसके साथ ही संभावित क्षय रोग लक्षणयुक्त व्यक्ति एवं कुपोषित बच्चों की पहचान की गई। इसके अलावा अभियान में समुदाय में महिलाओं की बैठक, स्वयं सहायता समूह की बैठक एवं जन जागरूकता रैली निकाली गईं।
जिला मलेरिया अधिकारी (डीएमओ) शरद चंद पाण्डेय ने बताया कि संचारी रोग नियंत्रण अभियान के तहत 17 से 30 अप्रैल तक दस्तक अभियान भी चलाया गया। इसके तहत आशा और आगंनबाड़ी कार्यकर्ता ने घर-घर दस्तक देकर 1514 बुखार और 716 आईएलआई (इनफ्लुएंजा लाइक इलनेस) के रोगी चिन्हित किए गए। इस जांच में छह मलेरिया और पांच आईएलआई के धनात्मक मरीज पाये गए। इन मरीजों का उपचार पूरा हो गया है और अब वह स्वस्थ हैं। साथ ही संभावित क्षय रोग लक्षण युक्त 164 व्यक्तियों की पहचान की गई। सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। जांच में एक भी व्यक्ति धनात्मक नहीं पाया गया। साथ ही स्वास्थ्य विभाग की ओर से 2500 वीएचएनडी दिवस, समुदाय में महिलाओं की 2500 बैठकें, स्वयं सहायता समूह की 1248 बैठकें एवं जीवाणु युक्त जल के 6154 स्थलों को मुक्त कराया गया। 27,786 पात्रों का स्रोत विनष्टीकरण किया गया। अभियान में 169 कुपोषित बच्चे चिन्हित किए गए। इसमें से अभी तक 14 बच्चों को उपचार के लिए संदर्भित किया जा चुका है। शेष बच्चों का जल्द ही उपचार किया। डेंगू, चिकनगुनिया, एईएस, आईएलआई, हीटवेव, हीट स्ट्रोक से बचाव आदि संचारी रोगों के प्रति पोस्टर, बैनर, पम्पलेट, संचारी गोष्ठियों एवं रैलियों के माध्यम से समुदाय को जागरूक किया गया। अभियान में स्वास्थ्य विभाग, नगर विकास, पंचायती राज, पशुपालन विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, शिक्षा विभाग, दिव्यांग जन कल्याण विभाग, कृषि एवं सिंचाई विभाग सहित अन्य विभाग समन्वय बनाकर कार्य किए हैं।
डीएमओ ने बताया कि शिक्षा विभाग की ओर से 1143 जन जागरूकता रैली निकाली गईं। ग्राम्य विकास विभाग के अंतर्गत ग्राम प्रधानों की ओर से 694 प्रभात फेरी व बैठकें की गईं। 4,031 नालियाँ साफ कराई गईं और 1826 झाड़ियों काटी गईं। 449 इंडिया मार्क-2 हैंडपंप सही कराए गए और 147 प्लेटफॉर्म सही किए गए। 131 तालाबों और 127 गंदे जल भराव को साफ कराया गया। स्वच्छ भारत मिशन की ओर से 2434 शौचालय बनाए गए। नगर विकार विभाग की ओर से 100 वार्डों की नालियाँ साफ कराई गईं और फोगिंग कराई गई। इसके साथ ही पशुपालन और कृषि विभाग की ओर से क्रमशः 84 और 694 जागरूकता बैठकें की गईं। इसके अलावा जनपद स्तरीय अधिकारियों की ओर से 80 मूल्यांकन निरीक्षण भ्रमण किए गए।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी ने जनपदवासियों से अपील की है कि यह अभियान वर्ष पर्यंत चलना चाहिए । सभी अपने घरों के आसपास साफ-सफाई रखें, झाड़ियां न उगने दें, जल जमाव न होने दें, रुके हुए पानी में जला हुआ मोबिल ऑयल या लार्वा रोधी रसायन डालें, कूलर का पानी सप्ताह में एक बार अवश्य बदलें, सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें, पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें, कोई भी बुखार का लक्षण दिखे तो नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर जांच एवं इलाज़ कराएं, झोला छाप डॉक्टर से बचें, बाहर के दूषित भोजन पानी का प्रयोग न करें। उन्होंने ‘हर रविवार मच्छर पर वार, खत्म करेंगे डेंगू, मलेरिया बुखार’ का संदेश दिया।

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