विश्व मनोविदलता दिवस के उपलक्ष्य में मनोविज्ञान विभाग, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ एवं होप फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में मनोविदलता (जो कि एक मानिसक रोग है) के प्रति जागरुक करने के लिए आउटरीच एक्टिविटी के अंतर्गत लोगों को मानसिक रोगो के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान कर जागरुकता अभियान चलाया गया।
डॉ मुकेश कुमार पंथ ने बताया कि मानसिक विकृतियों में मनोविदलता सबसे गंभीर मानसिक विकृति है जो व्यक्ति, उसके परिवार एवं समाज सभी को प्रभावित करती है। मनोवैज्ञानिक होने के नाते हम सभी की यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी बनती है कि हम समाज में मानसिक रोगों के प्रति जागरुकता फैलाएं जिससे व्यक्ति यह समझ सके कि मानसिक रोग घृणा या सामाजिक दाग का विषय नहीं है यदि मानसिक रोगी को सही समय पर पहचाना जाए और उचित मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जाए तो उसको पूर्ण रूप से ठीक किया जा सकता है।
डॉ. पंकज कुमार सिंह ने बताया कि मानसिक बीमारी के बारे में इतनी कम जानकारी लोगों के पास है कि लोग समझते है कि मरीज रोगी नहीं बल्की ‘पागल’ है।
डॉ. पूर्णिमा श्रीवास्तव ने बताया कि मानव जीवन वाद्ययंत्र की तरह अब यह व्यक्ति पर निर्भर करता है कि वह उस वाद्ययंत्र से किस तरह के सुरो को बजाना चाहता है।
इस कार्यक्रम में पी जी डिप्लोमा साइकोथेरेपी काउंसलिंग एंड गाइडेंस के समस्त विद्यार्थियों ने मानसिक रोगियों से वार्तालाप की एवं परामर्श के विभिन्न कौशलों को सीखा होप फाउंडेशन के सभी सदस्य रामप्रकाश पाल, रजनीश सिंह, अनिरुद्ध सिंह एवं स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े हुए विभिन्न लोग उपस्थित रहे।

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