महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के कुलानुशासक मंडल एवं महिला यौन उत्पीड़़न प्रतिषेध समिति द्वारा आयोजित 2 माह का “ग्रीष्मकालीन महिला योग शिविर”में आज प्रो अमिता सिंह ने कहा कि योग स्वस्थ जीवन व्यतीत करने की कला है विज्ञान द्वारा यह प्रमाणित किया जा चुका है कि निरंतर अभ्यास करने से आत्मज्ञान की प्राप्ति होती है तथा सभी प्रकार की शारीरिक परेशानियां दूर हो जाती हैं। हर व्यक्ति को योगाभ्यास निरंतर करना चाहिए, यह भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग है।
आज की योग प्रशिक्षिका कीर्ति शिखा रहीं। खुशी की बात है कि वे विद्यापीठ की ही विद्यार्थी रही हैं। अभी वे अनेक संस्थानों में योग प्रशिक्षण देकर लोगों को योग के प्रति जागरूक कर रही हैं। उन्हें इस क्षेत्र में अनेक साम्मानों से नवाजा गया है। उन्होंने कहा कि कितने दुख की बात है कि पूरे परिवार की देखभाल करने वाली महिलाएं अपनी हेल्‍थ को लेकर हमेशा लापरवाह रहती है। लेकिन क्‍या आप जानती है कि रेगुलर योग करने से आप आसानी से अच्‍छी हेल्‍थ पा सकती हैं।
आज शिविर में उन्होंने महिलाओं को निम्नलिखित अभ्यास कराए और उनके करने का सही तरीका बताया साथ ही उन आसनों के महत्व पर भी प्रकाश डाला। आज शिविर में उन्होंने अभ्यास की शुरुआत गायत्री मंत्र प्रार्थना के साथ की उसके उपरांत सूक्ष्म व्यायाम, ताड़ासन, वृक्षासन, भुजंगासन, पश्चिमोत्तानासन, गोमुखासन, उत्तानपादासन, उष्ट्रासन, अनुलोम विलोम, प्राणायाम, नाड़ी शोधन प्राणायाम, भक्ति का प्राणायाम, कपालभाती, भ्रामरी प्राणायाम, ओम उच्चारण के साथ शांति पाठ अभ्यास का समापन किया।
शिविर में विश्वविद्यालय परिसर के आसपास की महिलाएँ अपने बच्चों के साथ उपस्थित रहीं। साथ ही डॉ . चन्द्रामणि, विद्या ओझा, डॉ अनीता सिंह, किरण मिश्रा, विभा सिंह आदि मौजूद रहीं।

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