आगामी 3 जुलाई को पड़ने वाले गुरुपूर्णिमा को काशी के शंकराचार्य घाट स्थित श्रीविद्यामठ में महोत्सव के रूप में मनाया जायेगा।गुरुपूर्णिमा महोत्सव को मूर्त रूप देने हेतु परमाराध्य परमधर्माधीश अनंतश्रीविभूषित उत्तराम्नाय ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य स्वामिश्री: अविमुक्तेश्वरानंद: सरस्वती’1008′ जी महाराज के शिष्यगण अभी से जुट गए हैं।सर्वविदित है कि प्रतिवर्ष गुरुपूर्णिमा को शंकराचार्य जी महाराज के दर्शन हेतु आसपास के जिले व अन्य प्रदेशों के भक्तों का सुबह से शाम तक तांता लगा रहता हैं।

उक्त जानकारी देते हुए पूज्यपाद शंकराचार्य जी महाराज के प्रेस प्रभारी सजंय पाण्डेय ने बताया कि इस वर्ष शंकराचार्य बनने के बाद उत्तराम्नाय ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामिश्री: अविमुक्तेश्वरानंद: सरस्वती जी महाराज का प्रथम चातुर्मास व्रत अनुष्ठान ब्रम्हलीन द्वय पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज के मध्यप्रदेश स्थित तपोस्थली परमहंसी गंगा आश्रम में सम्पन्न होगा।चातुर्मास व्रत अनुष्ठान पर्यंत नित्य पचंदेवोपासना,स्वाध्यायपाठ व पूज्यपाद शंकराचार्य जी महाराज द्वारा श्रीमद देवी भागवत के विभिन्न सन्दर्भों पर प्रवचन सम्पन्न होगा।जिसके चलते इस बार काशी व आसपास के जिलों के भक्तों को ज्योतिष्पीठाधीश्वर जी महाराज का साक्षात दर्शन लाभ नही मिलेगा।जिससे भक्तों में कुछ मायूसी है लेकिन उत्साह मे कोई कमी नही हुई है।क्योंकि सभी भक्तों को ये ज्ञात है कि गुरु सिर्फ शब्द नही परम तत्व हैं जिनकी ऊर्जा सम्पूर्ण ब्रम्हांड में व्याप्त है।इसीलिए भक्त चाहे कितनी भी दूरी से गुरु का स्मरण व पूजन करता है तो उसका सर्वविधि कल्याण होता है। 3 जुलाई गुरुपूर्णिमा को सुबह 9 बजे से काशी में शंकराचार्य घाट स्थित श्रीविद्यामठ में गुरुपूर्णिमा महोत्सव का आयोजन होगा।जिसमें गुरु चरणपादुका पूजन सहित अन्य परम्परागत पूजन अनुष्ठान का आयोजन सम्पन्न होगा।

साथ ही 4 जुलाई से ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य जी महाराज द्वारा प्रकट हुए आदि विशेश्वर के प्रतीक पूजन हेतु सनातनधर्मियों से 11 लाख शिवलिंग देने के आह्वान का पालन करते हुए शहरों व गांवों से भक्त एक एक शिवलिंग लाकर श्रीविद्यामठ में समर्पित करेंगे ।।

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