सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण केन्द्र सरकार के नौ वर्षों की पहचान हैं: विधायक अवधेश सिंह
65 साल में जो हासिल नहीं हो पाया, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नौ साल में हासिल कर लिया: डा. अवधेश सिंह
ग्रामीण मीडिया केंद्र की योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाए- निदेशक मनोज वर्मा
पत्रकार का अपडेट रहना बहुत जरूरी -डा. बाला लखेन्द्र
जनकल्याणकारी योजनाओं का सकारात्मक एवं विकासात्मक रिपोर्टिंग करने की जरूरत–नरसिंह राम
वाराणसी जनपद के पिंडरा में पत्रकारों के साथ एकदिवसीय वार्तालाप संपन्न
सीबीसी की ओर से फोटो प्रदर्शनी भी लगाई गई
वार्तालाप कार्यक्रम में लाभार्थियों ने भी अपनी बातों को रखा
जिले के विभिन्न कस्बों से 60 से अधिक पत्रकारों ने किया प्रतिभाग
पिंडरा। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) वाराणसी के तत्वावधान में वाराणसी जनपद के पिंडरा विकास खंड स्थित सभागार में क्षेत्रीय पत्रकारों और भारत सरकार के बीच संवाद स्थापित करने के उद्देश्य से वार्तालाप का आयोजन शुक्रवार को किया गया। इस कार्यक्रम में जनपद के विभिन्न क्षेत्रों के 60 से अधिक पत्रकारों ने हिस्सा लिया। कार्यशाला का विधिवत शुभारंभ पिंडरा के विधायक डा. अवधेश सिंह, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया वाराणसी अंचल के महाप्रबंधक गिरीश जोशी, काशी हिंदू विश्वविद्यालय के वरीय प्राध्यापक डॉ बाला लखेंद्र, सीबीसी लखनऊ और पत्र सूचना वाराणसी के निदेशक श्री मनोज वर्मा, खंड विकास अधिकारी दीपांकर आर्य, वरिष्ठ पत्रकार विजय विनीत, पूर्व सूचना अधिकारी डा.नरसिंह राम, डा.लालजी और पीआईबी वाराणसी के मीडिया एवम् संचार अधिकारी प्रशांत कक्कड़ ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन कर किया। 9 साल सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण विषय पर आयोजित इस वार्तालाप कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय लोक संपर्क ब्यूरो, सूचना प्रसारण मंत्रालय, वाराणसी की ओर से फोटो प्रदर्शनी भी लगाई गई। बतौर मुख्य अतिथि कार्यशाला को संबोधित करते हुए पिंडरा विधायक डा.अवधेश सिंह ने कहा कि स्वच्छ पत्रकारिता लोकतंत्र की प्राण है। निर्भयता पूर्वक सच्ची व अच्छी पत्रकारिता करना आपका कर्तव्य है। आपकी रिपोर्ट सरकार की योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में केंद्र और राज्य की सरकार लोगों की मदद और सक्षम लोगों को अवसर देने वाली सरकार है। यह काम करने के साथ लोगों को कर्तव्यों का अहसास कराने वाली सरकार है।
पत्र सूचना कार्यालय और सीबीसी, लखनऊ और पीआईबी, वाराणसी के निदेशक मनोज वर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं के सकारात्मक एवं विकासात्मक रिपोर्टिंग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इस वार्तालाप का आयोजन किया गया है। उन्होंने कहा कि मीडिया सरकार की आंख और कान के रूप में कार्य करता है और प्रतिक्रिया प्राप्त करने व जमीनी स्तर पर योजनाओं के कार्यान्वयन के संबंध में चिंताओं को दूर करने के लिए इस तरह का समन्वय आवश्यक है।
तथ्यों पर आधारित पत्रकारिता पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि खबर की प्रमाणिकता की पुष्टि के लिए पीआईबी फैक्ट चेक की प्रणाली अपनाई गई है। किसी भी तथ्य की पुष्टि करने के लिए पीआईबी की वेबसाइट पर जाकर आवेदन किया जा सकता है।
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया वाराणसी अंचल के गिरीश जोशी ने बैंक से जुड़ी केंद्र सरकार के योजनाओं की चर्चा की।
खंड विकास अधिकारी दीपांकर आर्य ने कहा कि सरकार और जनता के बीच मीडिया की भूमिका अहम है। इसलिए इसकी उपयोगिता और गंभीरता हमेशा बनाए रखने की जरूरत है। उन्होंने इस दौरान विकास खंड की विभिन्न योजनाओं की स्थिति को भी साझा किया।
केंद्रीय संचार ब्यूरो के पूर्व अधिकारी डा.नरसिंह राम ने कहा कि यह वार्तालाप कार्यक्रम दोतरफा संवाद का माध्यम है और इस जनपद में ऐसे कार्यक्रम कराने का उद्देश्य यही है कि विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ ग्रामीण क्षेत्र के लोग ज्यादा से ज्यादा उठा सकें।
वरिष्ठ पत्रकार विजय विनीत ने बदलते दौर में पत्रकारिता के स्वरूप और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग पर चर्चा की। वरिष्ठ पत्रकार राज कुमार तिवारी ने अपने क्षेत्र में पत्रकारों की सकारात्मक भूमिका की सराहना की। उन्होंने एक मंच पर विधायिका, कार्यपालिका और पत्रकारों को एकजुट करने के लिए पीआईबी को धन्यवाद दिया।
ग्रामीण मीडिया कार्यशाला में विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों ने अपने विचार को रखा। फूलपुर की ममता व सरिता और रतनपुर की प्रेमलीला विभिन्न योजनाओं से मिले और उससे जीवन में आए बदलाव की चर्चा की।
कार्यक्रम के दूसरे सत्र में मीडिया जगत के वरिष्ठ पत्रकारों ने ग्रामीण पत्रकारों को लेखन शैली और ग्रामीण पत्रकारों की चुनौतियों के बारे में बताया। काशी हिंदू विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग के वरीय प्राध्यापक डॉ बाला लखेंद्र खबरों के फॉलो अप के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भारतीय स्वतंत्रता के आंदोलन में पत्रकारिता महत्वपूर्ण हथियार रहा है। यह राष्ट्रीय और जनचेतना जगाने का माध्यम बना। पत्रकार साथियों को यह उद्देश्य आज भी बरकरार रखने की जरूरत है। पत्र एवं सूचना कार्यालय, वाराणसी के प्रभारी और कार्यक्रम के नोडल अधिकारी श्री प्रशांत कक्कड़ ने कहा कि पीआईबी की पहुंच राष्ट्रीय तथा प्रदेश की राजधानियों के पत्रकारों तक सीमित ना रह कर जिला तथा खंड स्तर पर कार्य करने वाले मीडिया कर्मियों तक भी पहुंचा है। उन्होंने
भारत सरकार द्वारा पत्रकारों के कल्याण के लिए चलाई जा रही पत्रकार कल्याण योजना के बारे में जानकारी दी गई और कहा कि इस योजना के माध्यम से पत्रकारों को कार्य करते समय होने वाली दुर्घटना या स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के उपचार के लिए आर्थिक सहायता दी जाती है। कोरोना काल में यूपी में अनेक पत्रकारों को इस प्रकार की सहायता राशि भारत सरकार द्वारा दी गई है। कोई भी पत्रकार सूचना और प्रसारण मंत्रालय की वेबसाइट पर जाकर अपना विवरण भरकर इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकता है तथा इस योजना के बारे में समुचित जानकारी मंत्रालय की वेबसाइट पर उपलब्ध है। मंच संचालन और धन्यवाद ज्ञापन सीबीसी वाराणसी के अधिकारी डा. लालजी ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में पसूका वाराणसी के सत्येंद्र कुमार, शिव कुमार झा और बीरबल पाल ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।