जी एस मेमोरियल हॉस्पिटल के सर्जनस ने एक नवयुवती के विकृत जबड़ों को एक अत्याधुनिक कंप्यूटर ग्राफ़िक एवं थ्री डी प्रिंटिंग द्वारा जोड़कर तैयार करके आठ घंटे चली सर्जरी द्वारा बनाया गया ।।

पूर्वांचल में पहली बार हुयी चेहरे की अत्याधुनिक सर्जरी आठ घंटे चले ऑपरेशन द्वारा विकृत जबड़ों को सुधारा गया और जबड़े का जोड़ भी बदला गया ,AI कंप्यूटर ग्राफ़िक प्लानिंग थ्री डी प्रिंटिंग तैयार किया गया जबड़ा और ऑपरेशन का ब्लू प्रिंट ।।

जी एस मेमोरियल अस्पताल के समग्र क्लेफ्ट केयर सेण्टर ने रचा इतिहास आधुनिकतम थ्री डी CT , एडवांस सॉफ्टवेयर द्वारा थ्री डी ग्राफ़िक द्वारा आभासी / वर्चुअल प्लानिंग एवं थ्री डी प्रिंटर द्वारा संश्लेषित कर जबड़े और जोड़ को बनाकर युवती का विकृत चेहरा बदल दिया ।।

वाराणसी :- जीएस मेमोरियल सर्जन चेहरे की गंभीर विकृति को ठीक करने के लिए एक नवयुवती के निचले जबड़े के जोड़ को प्रतिस्थापित किया । देश के इस हिस्से में अपनी तरह के पहले ऑपरेशन में विश्व प्रसिद्ध जीएस मेमोरियल अस्पताल के सर्जनों की टीम ने उच्च कंप्यूटर एडेड तकनीक का उपयोग करके निचले जबड़े के कुल संयुक्त प्रतिस्थापन को सफलतापूर्वक किया ।

लड़की ने जीएस मेमोरियल अस्पताल में प्लास्टिक सर्जरी के ख्यातिलब्ध डॉ. सुबोध कुमार सिंह को चेहरे की विकृति के सुधार के लिए मिलीं । मरीज नौ वर्ष की आयु से ही डॉ. सुबोध की सर्जिकल देखरेख में थी क्योंकि वह एक चेहरे की फांक, क्लेफ्ट और अन्य विकृतियों के साथ पैदा हुई थी जिसका ऑपरेशन उनके द्वारा नौ साल की उम्र में किया गया था | डॉ. सुबोध ने कहा ऐसे रोगियों में आमतौर पर चेहरे के एक तरफ विकास की कमी होती है जिसे 15 साल की उम्र के आसपास रोगी की अस्थियों की परिपक्वता प्राप्त करने के बाद सुधार की आवश्यकता होती है यदि विकृति गंभीर है तो सर्जरी बहुत पहले करने की आवश्यकता होती है ।

विकृति को ठीक करने के लिए पूरे चेहरे की अस्थियों और जबड़ों को दांतों के पुनर्गठन के साथ सर्जरी की आवश्यकता होती है उन्होंने आगे कहा, चेहरे की विकृति के कारण रोगी डिप्रेशन एवं आत्मविश्वास की कमी से ग्रस्त थी । इस तरह की सर्जरी का अत्यंत सकारात्मक मनोवैज्ञानिक प्रभाव पड़ता है और रोगियों का जीवन बदल जाता है उनकी टीम नियमित रूप से इस तरह की ऑर्थोग्नेथिक सर्जरी कर रही है ।

यह विकृति एक छोटी ठोड़ी, छोटे निचले या ऊपरी जबड़े में थोड़ी या कभी -कभी अत्यंत अधिक होती है जहां पूरे चेहरे के जबड़ों एवं अस्थियों को सुधार की आवश्यकता होती है | यह देश के इस हिस्से में पहली बार है कि इस तरह की सर्जरी थ्री डी कंप्यूटेड टोमोग्राफी, कंप्यूटर असिस्टेड ग्राफिक प्लानिंग और थ्री डी प्रिंटिंग का उपयोग करके की गई है जिसे सर्जिकल परिशुद्धता के साथ ऑपरेशन में मूर्तरूप दिया गया है उन्होंने कहा कि इसके परिणामस्वरूप चेहरे की संरचना में परिवर्तन हुआ और विकृति में सुधार हुआ ।

अपनी सर्जिकल टीम के साथ सर्जरी करने वाले प्रमुख सर्जन क्रानियो-मैक्सिलोफेशियल सर्जन डॉ ईशान सिंह ने बताया कि चेहरे की पूरी अस्थियों और दोनों जबड़ों पर काम किया गया ताकि चेहरे की कमी को दूर किया जा सके और उसे ठीक किया जा सके । थ्री डी सीटी स्कैन और कंप्यूटर एडेड डिजाइनिंग का उपयोग टाइटेनियम के जबड़े के जोड़ को बनाने और अस्थि को संवर्धित करने के लिए किया गया जिसका उपयोग निचले जबड़े का एक तरफ का हिस्सा बदलने के लिए किया गया था ।

पूरे ऊपरी और निचले जबड़े को आगे भी बढ़ाया गया और एक संतुलित चेहरा हासिल करने के लिए सर्जरी के दौरान अलग-अलग दिशाओं में घुमाया गया उन्होंने कहा वह नियमित रूप से इस तरह की ऑर्थोग्नेथिक सर्जरी (चेहरे की हड्डियों में सुधारात्मक सर्जरी) करते हैं लेकिन यह केस एक विशेष रूप से चुनौतीपूर्ण मामला था क्योंकि इसमें संयुक्त प्रतिस्थापन को समरूपता और चबाने हेतु जबड़े की सुधारात्मक सर्जरी के साथ जोड़ा गया था ।

जीएसएमएच के वरिष्ठ प्लास्टिक सर्जन डॉ. गौरव नैय्यर, जो सर्जिकल टीम का हिस्सा थे ने कहा इस सर्जरी के लिए उपचार की अंतिम योजना तय करने के लिए सावधानीपूर्वक प्लानिंग और चर्चा करने की आवश्यकता थी । कृत्रिम जोड़ बनाने के लिए डिजाइनिंग के विशेषज्ञों से परामर्श किया गया था इसके उपरान्त इन उद्देश्यों को सफलतापूर्वक प्राप्त करने के लिए कई घंटों की अवधि में एक लंबी सर्जरी की गयी ।

बेहोशी – इस केस की निःसंज्ञा विज्ञानी डॉ प्रतिमा राठौर ने बताया की इस प्रकार की लंबी सर्जरी के लिए जिसमे श्वास मार्ग में ऑपरेशन किया जाता है तथा विशेष बेहोशी की प्लानिंग एवं उपकरणों की आवश्यकता होती है जिसकी प्लानिंग एवं व्यवस्था विशेष रूप से की गयी ऑपरेशन के बाद मरीज पूरी तरह से होश में आयी और उसकी मॉनीटरिंग जारी रखी गयी ।

टीम के ऑर्थोडॉन्टिस्ट डॉ. अभिनव राज ने बताया कि जब कोई व्यक्ति चेहरे के जबड़ों की हड्डियों की सुधारात्मक सर्जरी से गुजरता है जिसे ऑर्थोग्नेथिक सर्जरी भी कहा जाता है तो अक्सर दांतों को भी सीधा करना पड़ता है और एक जटिल पर सुलभ प्रक्रिया द्वारा कुछ महीनो में दांतो को उचित दिशा एवं स्थानों पर प्रतिस्थापित किया जाता है ।

वाराणसी का जी एस मेमोरियल प्लास्टिक सर्जरी अस्पताल स्माइल ट्रैन का एक समग्र क्लेफ्ट केयर केंद्र है और विश्व में सर्वाधिक नि:शुल्क क्लेफ्ट सर्जरी करने के लिए विख्यात है इसके कार्यों पर बनी डाक्यूमेंट्री फिल्म को ऑस्कर अवार्ड से नवाजा गया था ।।

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