पोषण पुनर्वास केन्द्रों को पूर्ण क्षमता से संचालित किया जाय-एस. राजलिंगम

गृह भ्रमण, टेक होम राशन व आंगनबाड़ी केन्द्रों के कायाकल्प पर भी हो ज़ोर-डीएम

मिनी एनआरसी को आवश्यक सुविधाओं से सुसज्जित किया जाए

वाराणसी। जिलाधिकारी एस. राजलिंगम ने जिला पोषण समिति व कन्वर्जेंस विभाग के कार्यों की समीक्षा के दौरान की समस्त सीडीपीओ को निर्देशित किया कि कुपोषित (मैम) व अति कुपोषित (सैम) बच्चों को चिन्हित करने के लिए गंभीर होकर कार्य कराए। साथ ही पोषण ट्रैकर एप्लीकेशन पर नियमित फीडिंग करें। समुदाय स्तर पर पोषण संबंधी गतिविधियों की फीडिंग भी शत-प्रतिशत सुनिश्चित की जाए। 
जिलाधिकारी एस. राजलिंगम गुरुवार को विकास भवन सभागार में जिला पोषण समिति व कन्वर्जेंस विभाग के कार्यों की प्रगति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कुपोषण दूर करने और सुदृढ़ करने के उद्देश्य से नगरीय व ग्रामीण विकासखंड परियोजना में लगातार प्रयास किए जाएं। टेक होम राशन की फीडिंग शत-प्रतिशत तक कराना सुनिश्चित करें। ज्यादा से ज्यादा गृह भ्रमण हो और उसकी शत प्रतिशत फीडिंग समय पर की जाए। प्रेरणा पोर्टल पर कायाकल्प सर्वे की रिपोर्ट शत प्रतिशत पूरी करें। उन्होंने निर्देशित किया कि जनपद के सभी विकासखंडों में लघु पोषण पुनर्वास केंद्र (मिनी एनआरसी) स्थापित किए गए हैं और जनपद मुख्यालय पर पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय के एमसीएच विंग में पोषण पुनर्वास केंद्र भी संचालित किया जा रहा है। अति कुपोषित (सैम) बच्चे मिलने पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को ज़िम्मेदारी दी गई है, उसका अनुपालन करना सुनिश्चित करें। सभी एनआरसी में ज्यादा से ज्यादा सैम बच्चों को संदर्भित करते हुये भर्ती किया जाए। साथ ही उनका स्वास्थ्य प्रबंधन व नियमित फॉलो अप किया जाए। मिनी एनआरसी को आवश्यक सुविधाओं से सुसज्जित किया जाए। पोषण पुनर्वास केन्द्रों को पूर्ण क्षमता से संचालित किया जाए। ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवस (वीएचएसएनडी) पर सैम बच्चों के उपचार पर ज़ोर दिया जाए एवं इसकी फीडिंग ई-कवच पर शत-प्रतिशत की जाए। विकासखंड स्तर पर पोषण समिति व कन्वर्जेंस की बैठक की जाए। उन्होंने निर्देशित किया कि संभव अभियान के तहत की जाने वाली गतिविधियों एवं कन्वर्जेंस विभागों के आपसी समन्वय के लिए नियमित बैठक व समीक्षा की जाए। पूर्व से चिन्हित आंगनबाड़ी केन्द्रों का कायाकल्प वेदांता और रिलायंस फाउंडेशन के द्वारा कराते हुये उन्हें सुदृढ़ किया जाए। समस्त बाल विकास परियोजना अधिकारी, सुपरवाइजर आंगनवाड़ी पूरी सक्रियता के साथ कार्य करते हुए विभागीय योजनाओं में अपेक्षित प्रगति लाएं। खराब प्रगति पाए जाने पर संबंधित के खिलाफ कार्यवाही सुनिश्चित होगी।
बताया गया कि आंगनबाड़ी केन्द्रों पर की जाने वाली पोषण व स्वास्थ्य संबंधी गतिविधियों में आंगनबाड़ी एवं आशाओं कार्यकर्ताओं के द्वारा गर्भवती और धात्री महिलाओं की अच्छे से काउंसलिंग की जाए, जिससे वह अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हो सकें। साथ ही छह माह से ऊपर के बच्चों के खानपान पर भी विशेष ध्यान दिया जाए। आंगनबाड़ी, आशाओं कार्यकर्ताओं व एएनएम को निर्देशित किया गया कि ट्रिपल-ए की बैठक में अनिवार्य रूप से प्रतिभाग कर कमियों पर विस्तार से चर्चा करते हुए उनमें सुधारात्मक कार्य किए जाएं। उन्होंने कहा कि जनपद में साधन- संसाधन की कमी नहीं है, आवश्यकता आपसी सामंजस्य व समन्वय की है।  
मुख्य विकास अधिकारी एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी दिनेश कुमार सिंह ने विभागीय प्रगति के साथ ही टेक होम राशन, पोषण वाटिका, आधार किट परिचालन आदि के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रदेश स्तर पर पोषण ट्रैकर एप और संभव अभियान को लेकर जनपद वाराणसी की स्थिति काफी बेहतर है। भविष्य में इसी तरह की स्थिति बनी रहे, इसके लिए उन्होंने सभी बाल विकास परियोजना अधिकारियों और मुख्य सेविकाओं को प्रोत्साहित किया। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल सहित पोषण समिति व कन्वर्जेंस विभाग के जनपद स्तरीय अधिकारी, समस्त बाल विकास परियोजना अधिकारी एवं मंडलीय समन्वयक पोषण अभियान (यूनिसेफ) उपस्थित रहे ।।

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