हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर पर टेली कंसल्टेशन बढ़ाया जाए – सीडीओ
समस्त कार्यक्रमों में लक्ष्य के अनुरूप उपलब्धि प्राप्त करने का दिया निर्देश
वाराणसी। जिलाधिकारी एस. राजलिंगम की अध्यक्षता में गुरुवार को जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक विकास भवन सभागार में हुई। बैठक में आयुष्मान भारत-हेल्थ एवं वेलनेस सेन्टर की क्रियाशीलता एवं टेली कंसल्टेशन के संबंध में जानकारी प्राप्त की। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि जनपद में 226 हेल्थ एवं वेलनेस सेन्टर क्रियाशील हैं जिनके द्वारा सेवाएं प्रदान की जा रही हैं तथा औसतन 25 से 30 लोगों को प्रति हेल्थ एवं वेलनेस सेन्टर ओपीडी की सेवाएं दी जा रही है जिसमें 8 से 10 लोगों को टेली कंसल्टेशन दिया जा रहा है। टेली कंसल्टेशन बढ़ाये जाने हेतु निर्देश दिया गया।
जिलाधिकारी ने जननी सुरक्षा योजना के अंतर्गत जनपद में पिछले वर्ष के लंबित भुगतान नहीं किये जाने पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने सभी प्रभारी चिकित्सा अधिकारीयों को निर्देशित किया कि समस्त लाभार्थियों का भुगतान कर दिया जाए। इसके अलावा जनपद में हुई मातृ मृत्यु के कारणों की जानकारी सही तरीके से प्राप्त कर अवगत कराने के लिए सभी चिकित्सालय प्रभारियों को निर्देशित किया जिससे भविष्य में इन कारणों को दूर किया जा सके और मातृ मृत्यु को रोका जा सके।
जिलाधिकारी ने कहा कि सभी चिकित्सालयों में रोगियों के लिए वेड, स्वच्छ चादर, पानी,उपकरण आदि की व्यवस्था की जाए।चिकित्सालयों में इस प्रकार का वातावरण बनाया जाए कि चिकित्सक, स्टाफ द्वारा सुगमता पूर्वक कार्य किया जा सके।
मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) हिमांशु नागपाल ने कहा कि जिला अस्पतालों सहित हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर तक मानक के अनुरुप समस्त दवाएं रखी जाए जिससे रोगियों को बाहर से दवाएं क्रय नहीं करनी पड़े। सभी चिकित्सक यह सुनिश्चित करें कि उनके द्वारा लिखी जाने वाली आवश्यक दवाओं की सूची प्रत्येक माह चिकित्सा अधीक्षक को उपलब्ध कराई जाए जिससे कि दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके। इसके अलावा समस्त जिला चिकित्सालयों सहित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर आयुष्मान भारत – प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के कियोस्क डेस्क बनाने के लिए कहा गया, जिससे कि लाभार्थियों को कोई समस्या न हो। इसके अलावा आरसीएच पोर्टल में कम से कम चार प्रसव पूर्व जांच एवं जटिल प्रसव के कम चिन्हीकरण पर शहरी नोडल अधिकारी पर नाराजगी व्यक्त किया गया। उन्होंने उच्च जोखिम गर्भावस्था (एचआरपी) वाली महिलाओं का सुरक्षित प्रसव जनपद के सभी 10 एफ़आरयू पर कराने पर ज़ोर दिया गया। इसके अलावा मुख्य विकास अधिकारी ने समस्त कार्यक्रमों की गहन समीक्षा की और इस दौरान सीएमओ डॉ संदीप चौधरी ने समस्त कार्यक्रमों की प्रगति के बारे में जानकारी दी।
साथ ही वर्तमान में संचालित सघन मिशन इन्द्रधनुष 5.0, राष्ट्रीय, कृमि मुक्ति दिवस की विस्तारपूर्वक जानकारी प्राप्त की। उन्होंने निर्देशित किया कि इस अभियान के लिए निर्धारित दिशा-निर्देश के अनुसार समस्त ब्लॉक के द्वारा विभागवार माइक्रोप्लान के अनुरूप अभियान का सफलतापूर्वक संचालन किया जाए। कार्यक्रम की समीक्षा करते हुये निर्देशित किया गया कि रिपोर्ट समयानुसार जनपद मुख्यालय पर प्रेषित किया जाए।
बैठक में समस्त राजकीय चिकित्सालयों के अधीक्षक, समस्त एसीएमओ, डिप्टी सीएमओ, डीपीएम, डीसीपीएम, प्रभारी चिकित्साधिकारी सहित अन्य चिकित्सा अधिकारी, डबल्यूएचओ, यूनिसेफ प्रतिनिधि व अन्य अधिकारी उपस्थित रहे ।।