आजादी की 76वीं वर्षगांठ पर बरेका में 13 से 15 अगस्त 2023 तक घर तिरंगा अभियान चलाया जा रहा है। देशभक्ति की भावना को जागृत करने एवं देश की स्वतन्त्रता के लिये सर्वोच्च बलिदान देने वाले, देश के महान सपूतों को याद करने हेतु बनारस रेल इंजन कारखाना स्थित सूर्य सरोवर परिसर में दिनांक 12 से 14 अगस्त 2023 तक फोटो प्रदर्शनी एवं देशभक्ति सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भव्य आयोजन किया जा रहा है। जिसके अंतर्गत आज अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमे विकास पाण्डेय “विदीप्त”, भुलक्कड़ बनारसी, सिद्धनाथ शर्मा * सिद्ध * डॉ नासीमा निशा , कवि डॉ0 छोटेलाल सिंह मनमीत, अख़लाक़ खान ‘भारतीय’, आलोक सिंह बेताब, करुणा सिंह, ओम प्रकाश चंचल,चेतना तिवारी , झरना मुखर्जी आदि कवियों ने अपनी रचना से दर्शकों मे देशभक्ति की भावना को जागृत किया ।
विकास पाण्डेय विदीप्त द्वारा “हमारे देश भारत का सतत हर पल अमृतमय हो। हमारी मातृ भू की सर्वदा सर्वत्र जय जय हो।“ पढ़ा गया, वही हास्य व्यंग्य कवि भुलक्कड़ बनारसी ने अपनी रचना “एक पत्रकार ने मुझसे कहा कि कवि जी, सम्मान वापसी पे अपनी राय दीजिए.. मैं बोला अब तक जो सम्मान वापस हुए.. मेरे घर भेज के विवाद खत्म कीजिए.. द्वारा उपस्थित लोगों को हसनें पर मजबूर कर दिया। सिद्धनाथ शर्मा * सिद्ध * ने गीत …तिरंगा भारत की पहचान , तिरंगा भारत मां की शान, इसे कभी झुकने नहीं देंगे, दे देंगे हम जान… पढ़ कर तिरंगे की शान को बतलाया। वही डॉ नासीमा निशा ने देशभक्ति गीत.. आड़ मज़हब की न लेकर के लडाया जाय.. मुल्क मे अमन का माहौल बनाया जाय.. मुल्क को सोने की ही कहा जाय फिर.. इस तरह् मिलके मुहब्बत से सजाया जाय॥ पढ़ कर आपसी शौहार्द्य की मिशाल पेश की। डॉ0 छोटेलाल सिंह मनमीत ने अपनी रचना ..तार-तार अपनी मर्यादा कभी नहीं होने देंगे.. प्रिय भारत है प्राण हमारा इसे नहीं खोने देंगे पढ़ी गई। मधुलिका राय, “मल्लिका” द्वारा.. ये भारत देवभूमि है, जिसकी शान गंगा है.. अमन से है धरा सिंचित.. गगन छूता तिंरगा है रचना पढ़ी गई। कवयित्री झरना मुखर्जी ने ..हमारे देश की मिट्टी समझ लो माथ का चंदन.. समर में वीर है जाते प्रथम कर इसको ही बंदन.. जवां को प्राण की चिंता नहीं है देश के आगे.. मिटाने चल दिया है वो सुनो मां धरती का क्रंदन सुनकार ..दर्शकों की वाह वाही लूटी। कवि परमहंस तिवारी ‘परम’ ने टमाटर केई ऊपर अपनी रचना… रेट टमाटर क हो गइल बा हाई पिया.. बजट में न आयी पिया ना.. सुनकार दर्शकों को हसाया। कवि आलोक सिंह बेताब ने अपनी रचना …कहां हो तुम जीवन मेरा खाली है.. तेरे बिन जीवन एक सूखी डाली है…एसई दर्शकों को रिझाया। मंच का संचालन कवि अख़लाक़ खान ‘भारतीय’ द्वारा अपने चीर परिचित अंदाज़ मे किया गया एवं उन्होने ने अपनी रचना …वन्दे मातरम गीत लिखेगी जन गण मन का गान लिखेगी.. अपना तिरंगा गर्वित लिखकर भारत का सम्मान लिखेगी… इस माटी में बलिदानों के सभी कथानक लिख सकती है.. सजग लेखनी राष्ट्र प्रेम के सारे मानक लिख सकती है… करुणा सिंह ने देश की खातिर कुछ कर जाना है,
इतना सा ही सपना सजना है। दर्शकों को सुनाया कवि ओमप्रकाश चंचल ने कहा लहू की ताकत हम सबके कहती बस यही कहानी है
जाति धरम तो बाद में है हम पहले हिंदुस्तानी हैं ।।