वाराणसी :- श्रावण शुक्ल द्वितीया को स्वामी श्री करपात्री महाराज जी का 116वाँ आविर्भाव महोत्सव श्रीविद्या तत्त्वानुसंधान आश्रम (हरिद्वार – दिल्ली) श्री राजराजेश्वरी फाउंडेशन श्रीक्षेत्र काशी और श्री करपात्र आविर्भाव महोत्सव समिति काशी के संयुक्त तत्त्वावधान में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया |
कार्यक्रम के अंतर्गत प्रातः 9 बजे गुरुपादुकार्चन और सहस्रार्चन तथा सायं 3:30 से आगमोक्त साधना के वैज्ञानिक पक्ष विषयक विद्वत संगोष्ठी का आयोजन हुआ जिसके मुख्य अतिथि सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के वर्तमान कु “प्रोफेसर आनंद कुमार त्यागी रहे |
कार्यक्रम में वक्ताओं की श्रृंखला में प्रो० कमलेश झा ( संकाय प्रमुख एस०वी०डी०वी बी०एच०यू) प्रो० शीतला प्रसाद उपाध्याय पूर्वाध्यक्ष तंत्रागम विभाग संपूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय, प्रो० शीतला प्रसाद पाण्डेय धर्मागम विभाग एस०वी०डी०वी बी०एच०यू डॉक्टर सिद्धिदात्री भारद्वाज सह प्राध्यापिका कला संकाय बी०एच०यू, विद्वत वरेण्य गोस्वामी प्रहलाद गिरी प्रो० सुधाकर मिश्र सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय, प्रो० पतंजलि मिश्र, वेद विभागाध्यक्ष एस०वी०डी०वी बी०एच०यू, प्रो० हरिप्रसाद अधिकारी जी संकाय प्रमुख तुलनात्मक धर्म दर्शन विभाग – सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय, आदि गणमान्य विद्वानों ने अपना उद्बोधन दिया |
स्वागत सहयोग में पंडित श्री राजकृष्ण मालवीय , डॉक्टर श्री विद्याधर पांडेय , डॉक्टर श्री दिव्यस्वरूप ब्रह्मचारी जी, श्री कृष्णानंद जी उपाध्याय, श्री नारायण दास सर्राफ परिवार, श्री राजीव गुप्ता जी, शारदा ग्लोबल इवेंट्स के फाउंडर मेंबर नीरज कुमार शर्मा और वेदाध्यापक पंडित श्री आचार्य मोहन दूबे जी “दैवज्ञ” रहें इस बार के कार्यक्रम में विशेष आकर्षण का केंद्र वैदिक बटुकों का कराटे की विधा में येलो बेल्ट प्रदान करना रहा कार्यक्रम के अध्यक्ष स्वामी श्री महेश चैतन्य ब्रह्मचारी जी का पूर्व जीवन भी खिलाड़ियों का रहा है महाराज श्री का कहना रहा कि जब तक धर्म की शिक्षा लेने और देने वाले शास्त्र के साथ शास्त्र आदि का ज्ञान नहीं रखेंगे तब तक धर्म के प्रति प्रीति होना दुष्कर है महाराज श्री ने श्री राजराजेश्वरी वेद पाठशाला में वेद शास्त्र आदि का अध्ययन कर रहे अग्रिम पांडेय, शक्ति पांडेय और अजित कुमार पांडेय और उनके कराटे के शिक्षक अभिषेक कुमार चौरसिया का सम्मान किया और उत्साहवर्धन किया महाराज श्री ने विद्वत संगोष्ठी को नव युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा और ज्ञान यज्ञ बताया और कहा कि आगम वेदों का ही गोप्य भाग है |
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि “स्वामी श्री सर्वेश्वरानंद सरस्वती महाराज जी (अध्यक्ष श्री करपात्री धाम वाराणसी) रहें। कार्यक्रम का संचालन आचार्य मोहन दूबे ने किया |वैदिक मंगलाचरण श्री राजराजेश्वरी वेद पाठशाला के बटुकों द्वारा संपन्न हुआ आगंतुक समस्त विद्वानों ने दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया | धन्यवाद ज्ञापन पंडित श्री राजकृष्ण मालवीय ने किया ||