कार्यक्रम बाल संरक्षण, सुरक्षा और कल्याण के मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से क्षेत्रीय संगोष्ठियों की एक राष्ट्रव्यापी श्रृंखला का एक पहलू है ||
51 धर्म स्थलों में से श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर परिसर को चाइल्ड फ्रेंडली, बाल भिक्षावृत्ति और बाल श्रम मुक्त बनाए जाने में मिला प्रथम स्थान ||
वाराणसी :- महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने 18 अगस्त शुक्रवार को देशभर में बाल संरक्षण, बाल सुरक्षा तथा बाल कल्याण वत्सल भारत पर छठी क्षेत्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया | बीएचयू स्थित स्वतंत्रता भवन में आयोजित इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो मौजूद रहे और साथ ही देश के विभिन्न कोनों से एनजीओ के प्रतिनिधियों सहित 1500 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया |
संगोष्ठी में बाल कल्याण समितियों, किशोर न्याय बोर्ड, ग्राम बाल संरक्षण समिति के सदस्यों और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। यह कार्यक्रम बाल संरक्षण, बाल सुरक्षा और बाल कल्याण मुद्दों के बारे में जागरूकता और पहुंच बढ़ाने के लिए देश भर में आयोजित होने वाली क्षेत्रीय संगोष्ठियों की श्रृंखला का हिस्सा है। इस दौरान राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने कहा कि आज हम सभी काशी में महामना के काशी हिंदू विश्वविद्यालय में इस समागम का आयोजन करवाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ हैं। हमें खुशी है कि देश के विभिन्न कोनों से लोग यहां शामिल होने पहुंचे हैं | वर्ष 2014 के बाद से अब तक बाल कल्याण के लिए कई महव्पूर्ण कार्य किए गए हैं मिशन वात्सल्य और किशोर न्याय अधिनियम में बदलाव के कारण बाल संरक्षण कार्यकर्ताओं का सम्मान बढ़ा है उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शी सोच के कारण पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रेन जैसी महत्वाकांक्षी योजना बन पाई | भारत का किशोर न्याय अधिनियम काफी वृहद है, हम सबों को मिलकर इसके लिए धरातल पर काम करना है प्रियांक कानूनगो यह भी उल्लेख किया कि वर्ष 2022 किशोर न्याय नियमों में उल्लिखित दिशानिर्देशों के अंतर्गत, बच्चों के अंतर-जिला और अंतर-राज्य स्थानांतरण के लिए एक प्रोटोकॉल स्थापित किया गया था इस पहल में राष्ट्रीय बाल आयोग और राज्य बाल आयोग का सहयोग शामिल था |
कार्यक्रम के दौरान”भारत वत्सल” कार्यक्रम मे बाल भिक्षावृत्ति और बाल श्रम मुक्त अभियान मे बेहतरीन प्रदर्शन करने तथा भारतवर्ष में चिन्हित प्रमुख 51 धर्म स्थलों में से श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर परिसर को चाइल्ड फ्रेंडली, बाल भिक्षावृत्ति और बाल श्रम मुक्त बनाए जाने में प्रथम स्थान प्राप्त किया। इसके लिए राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग नई दिल्ली तथा महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार की ओर से वाराणसी के मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल को मंच पर अवार्ड देकर पुरस्कृत किया गया एवं सम्मानित किया गया |
कार्यक्रम में स्वागत भाषण महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (एमडब्ल्यूसीडी) में अतिरिक्त सचिव, संजीव कुमार चड्ढा ने दिया उन्होंने कहा कि इस संगोष्ठी के पीछे का विचार उन सभी पदाधिकारियों द्वारा किए जा रहे कार्यों का उत्सव मनाना और उनकी सराहना करना है जो जिलों और यहां तक कि पंचायत स्तर पर भी काम कर रहे हैं उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के गतिशील नेतृत्व में देश में बाल संरक्षण ईको-सिस्टम में पिछले कुछ वर्षों में किशोर न्याय अधिनियम और बनाए गए नियमों, मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) में किए गए संशोधनों से एक आदर्श बदलाव आया हैजो भारत सरकार की ओर से जारी किया गया है |
सांस्कृतिक कार्यक्रम से कार्यक्रम की हुई शुरुआत –
कार्यक्रम का शुभारंभ सांस्कृतिक मंत्रालय के तरफ से सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया राग अहीर भैरव” की प्रस्तुति तीन युवा बीएचयू के शोध गंगा कलाकारों द्वारा किया गया द्वितीय प्रस्तुति भरत नाट्यम का किया गया तृतीय प्रस्तुति राहुल मुखर्जी की टीम द्वारा ओडिसी नृत्य किया गया जिसमें उन्होंने वंदे मातरम् की गीत पर सुन्दर प्रस्तुति कर लोगों का ध्यान आकर्षित किया |
चौथी प्रस्तुति आर्य समूह की कलाकारों ने काशी के सांस्कृतिक और बाबा भोलेनाथ पर आधारित प्रस्तुति देकर सभी को भावविभोर कर दिया ||