चिल्ड्रेन्स एकेडेमी के हॉल में भारत के द्वितीय राष्ट्रपति डॉ० राधाकृष्णन का जन्म दिवस समारोह पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया गया । डॉ राधाकृष्णन का 15 सितम्बर 1888 को आंध्र प्रदेश के एक छोटे से गाँव में हुआ था । तंगी के बावजूद स्कॉलरशिप के माध्यम से उन्होंने अपनी शिक्षा पूरी की। डॉ० राधाकृष्णन एक शिक्षाविद थे उनका राजनीति से कोई संबंध नहीं था । उन्होंने एक अध्यापक के रूप में कार्य प्रारम्भ किया । आगे चलकर उप प्रधानाचार्य फिर प्रधानाचार्य फिर वाइस चांसलर ,रूस में भारत के राजदूत उपराष्ट्रपति व इसके पश्चात् 1962 से 1967 तक भारत के राष्ट्रपति पद को सुशोभित किया । डॉ० राधाकृष्णन की यह अवधारणा थी कि देश व समाज के उत्थान में शिक्षकों का अत्यधिक महत्व होता है। वह स्वयं चाहते थे कि उनका जन्मदिवस शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाय जिससे समाज में शिक्षकों के योगदान को समझा जा सके विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने इस अवसर पर अपने समस्त शिक्कों व शिक्षिकाओं का सम्मान किया तथा रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किया । इस अवसर पर विद्यालय की प्रधानाचार्या श्रीमती रागिनी तिवारी ने अध्यापक दिवस के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि विद्यार्थियों को अध्यापकों व अध्यापिकाओं का सम्मान करना चाहिए. क्योंकि ये हीं उनका उचित मार्गदर्शन करते हैं। जिससे ये समस्त संसार में अपने देश का नाम रोशन करते है तथा समाज को शांति व सौहार्द का संदेश देते है ।।