० महात्मा गांधी के 154वीं जयंती के अवसर पर हरिश्चंद्र महाविद्यालय में आयोजित हुई संगोष्ठी

० राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री के विचारों पर हुआ सामयिक मंथन

वाराणसी, 2 अक्टूबर: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 154वीं जयंती के उपलक्ष्य में हरिश्चंद्र पी० जी० कॉलेज में हिन्दी विभाग की ओर से “गांधी और वर्तमान भारतीय समाज” विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री के चित्र पर माल्यार्पण कर की गयी।

इस अवसर पर कॉलेज के प्राचार्य प्रो० रजनीश कुंवर ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि गांधी जी के विचारों की प्रासंगिकता कल भी थी, आज भी है और आने वाले कल में भी रहेगी। महात्मा गांधी के विचार दर्शन को उन्होंने आत्मदर्पण की संज्ञा देते हुए कहा कि प्रत्येक व्यक्ति अपना आत्ममूल्यांकन उनके सत्य, अहिंसा, आस्तेय और अनुग्रह जैसे सिद्धांतों से कर सकता है।

गांधी दर्शन की प्रासंगिकता को रेखांकित करते हुए मुख्य वक्ता प्रो० पंकज सिंह ने कहा कि आज भौतिकता की अंधी दौड़ में महात्मा गांधी के विचार न सिर्फ राहत देते हैं बल्कि वैचारिक शून्यता के इस दौर में ज्ञान पुंज की भाँति सही मार्ग भी दिखलाते हैं। इस अवसर पर उन्होंने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को भी जयन्ती पर याद करते हुए कहा कि सादगी की ऐसी प्रतिमूर्ति विश्व राजनीति के इतिहास में कोई दूसरा नहीं हो सकता। दोनों ही महापुरुषों के पद पर चलने का आह्वान करते हुए प्रो० सिंह ने कहा कि व्यक्ति अपने कद से नहीं बल्कि महान विचारों से बड़ा होता है।
कार्यक्रम का संचालन डॉ० प्रज्ञा ओझा व धन्यवाद यापन अमित कुमार ने किया।
इस अवसर पर प्रो० अनीता सिंह, प्रो० संगीता श्रीवास्तव, प्रो० अनिल कुमार, डॉ० शिवानंद यादव, डॉ० अशोक कुमार सिंह, डॉ० संजय कुमार सिंह, सुश्री आकांक्षा सिंह, सुश्री दिव्यानी बरनवाल, सुश्री गरिमा सिंह, सुश्री निधि, सहित सभी अध्यापक, कर्मचारी व विद्यार्थी मौजूद रहे ।।

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