अगला नव-संवत्सर/गौ- संवत्सर ||
वाराणसी :- गाय भारतीय संस्कृति की आत्मा है महाभारत (अनुशासन पर्व – अ.145) के अनुसार सृष्टि की रचना के इच्छुक ब्रह्माजी ने सबसे पहले गौ-माता का निर्माण किया था ताकि उनकी सृष्टि का पोषण हो सके पोषण के अपने इसी गुण से गाय विश्व-माता कहलायी इसे वेदों और पुराणों में अहन्या,अवध्या कहा गया पर दुर्भाग्य से इस समय विश्व में सबको पालन-पोषण करने वाली को काटने और खाने का चलन हो रहा है,जो कि भारतीय कृतज्ञ संस्कृति पर कलंक की तरह है |
पूर्व काल में राजा परीक्षित के सामने कलयुग ने डण्डे से गौ को मारना चाहा था तब वे उसे मृत्युदण्ड दे रहे थे और आज के राजा गाय को काटते और करुण पुकार करते हुए देखकर भी कैसे चुप रह सकते हैं? गौ-माता की इसी करुण पुकार को सरकार के सामने,सरकार को सुनाने और सरकार द्वारा गौ-व्यथा को दूरकर उन्हें अभय और प्रतिष्ठा प्रदान करने के लिए राष्ट्र-व्यापी गौ-प्रतिष्ठा आन्दोलन आरम्भ हुआ है,जिसको देश के चारों पीठों के पूज्य शंकराचार्यों एवं अन्य विशिष्ट धर्माचार्यों के साथ-साथ कुछ प्रदेशों की विधान सभाओं का भी सहयोग मिल रहा है |
गौ-प्रतिष्ठा आन्दोलन के अन्तर्गत 12 दिसम्बर 2023 को श्रीकाशी (वाराणसी) से भारत के सभी प्रदेशों के लिए गौ-दूतों की नियुक्ति की जा रही है ये गौदूत सन्त उन-उन प्रदेशों के गौ-भक्तों से मिलकर आन्दोलन को गति प्रदान करेंगे |
4 जनवरी 2024 को वृन्दावन में सभी प्रदेशों के गौ-भक्तों की एक विशेष गौ-सभा आयोजित होगी जिसमें आन्दोलन के विविध पहलुओं को स्पष्टता देते हुए कमर-कसी जायेगी |
15 जनवरी से 23 जनवरी 2024 तक नौ दिनों में दिल्ली में गौ-प्रतिष्ठा आन्दोलन के लिए नौ-विशेषज्ञ समूहों की बैठक आयोजित की जायेगी |
ये समूह निम्नलिखित हैं –
1- गौ-धर्म विशेषज्ञ
2-गौ-आर्थिकी विशेषज्ञ
3- गौ-कानून विशेषज्ञ
4 -गौ-विज्ञान विशेषज्ञ
5 -गौ-राजनीति विशेषज्ञ
6- गौ-संगठन विशेषज्ञ
7 -गौ-मीडिया विशेषज्ञ
8 -गौ-प्लेसमेण्ट विशेषज्ञ
9 – गौ-व्यवहार विशेषज्ञ (धन समिति)
यदि काम नहीं हुआ तो 30 जनवरी 2024 को विशेषज्ञों से प्राप्त आँकड़ों, निष्कर्षों के साथ गौ-प्रतिष्ठा आन्दोलन के लोगों को प्रतिनिधि मण्डल देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और विभिन्न प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों से मिलेंगे | यदि फिर भी काम नहीं बना तो 6 फरवरी 2024 को प्रयाग में वृहद गौ-संसद्’ का आयोजन होगा, जिसमें देश की सभी संसदीय-क्षेत्रों से एक गौ-प्रतिनिधि मनोनीत होकर सम्मिलित होगा और देश की जनता की ओर से प्रस्ताव पारित करेगा यदि फिर भी काम नहीं बना तो 10 मार्च 2024 को पूरे देश से दिल्ली में गौ-भक्त एकत्रित होंगे और 6 फरवरी 2024 की गौ-संसद् से पारित प्रस्तावों के अनुरूप कार्य करते हुए गौ-माता को राष्ट्रमाता की प्रतिष्ठा दिलाने के लिए प्रयास करेंगे |
विद्वान् सन्तों द्वारा यह पहले ही घोषणा की जा चुकी है कि नव-संवत्सर, गौ-संवत्सर होगा |
गौमाता-राष्ट्रमाता प्रतिष्ठा आन्दोलन के गौदूत –
1- आंध्र प्रदेश स्वामी विमलदेव दण्डी संन्यासी ||
2- अरुणाचल प्रदेश महामंडलेश्वर अवध बिहारी जी महाराज ||
3-असम महामंडलेश्वर राम दास ||
4- बिहार महामंडलेश्वर सियाराम दास जी महाराज / व्रजेन्द्र कुमार चौबे / रघुनाथ पाठक ||
5-छत्तीसगढ महामंडलेश्वर डा.बृंदावन बिहारी दास / श्री रामबालक दास / देवेश कुमार ||
6-गोवा महामंडलेश्वर सर्वेश्वर शरण / भगवान् वेदान्ताचार्य ||
7-गुजरात श्री महन्त धनुर्धारी दास महाराज / किशोर दवे /अवधूत रामायणी बापू ||
8-हरियाणा श्री महन्त विधिभूषण दास / आचार्य योगेनद्र ||
9- हिमाचल प्रदेश महन्त राजाराम दास / श्री डी.डी. राणा ||
10- झारखंड महन्त डा महंत श्रवण दास / हीरालाल जी पाठक ||
11- कर्नाटक महंत अवध किशोर दास ||
12 -केरल महंत राम दास / श्याम कुमार ||
13- मध्य प्रदेश महंत लक्ष्मी दास / साध्वी श्यामादेवी ||
14- महाराष्ट्र महन्त डा. हरयाचार्य /श्री श्री माधवदास ||
15-मणिपुर महंत सियाराम दास ||
16-मेघालय महंत शिवकुमार दास ||
17- मिजोरम महंत नरोत्तम दास ||
18 – नगालैंड महंत विश्वनाथ दास ||
19- ओडिशा महंत अंकित दास /सत्यनारायण पाण्डा ||
20- पंजाब महंत गोपाल दास / श्री सतीश ||
21 – राजस्थान महंत पति राम दास / ब्रह्मचारी तीर्थानन्द / आचार्य अंकित ||
22 – सिक्किम महंत हनुमान दास ||
23 – तमिलनाडु महंत रघुवर दास / शक्ति अम्बा ||
24 – तेलंगाना महंत राघव दासव / श्री निवास ||
25 – त्रिपुरा महंत बैभव गिरी ||
26- उत्तर प्रदेश महंत बालेश्वर मुनि /डॉ. आशुतोष ब्रह्मचारी ||
27 – उत्तराखंड महंत पागल बाबा / विकास पाटनी ||
28 – पश्चिम बंगाल महंत ईश्वर दास / बजरंग दास काठिया ||
29 -अंडमान व नोकोबार द्वीप समूह स्वामी बृहद चैतन्य ||
30 – चंडीगढ़ श्रीमहंत उर्मिला कांत दास जी महाराज / नारायण आचार्य / श्री देवीराम ||
31 – दादरा और नगर हवेली और दमन महंत नरहरी दास ||
32 – दिल्ली स्वामी हर्षा नंद जी महाराज / आचार्य आजाद सिंह आर्य ||
33 – जम्मू और कश्मीर महंत शिव कुमार दास / लीनेश्वरानन्द रसिक ||
34 – लक्षद्वीप महंत विजय दास ||
35 -पांडिचेरी सन्त सोमारो दास ||
36 – लद्दाख महंत मोहन दास कोतवाल ||