असहायों के चेहरे पर मुस्कान देखकर आनंद की अनुभूति हो रही है।— कुलपति प्रो बिहारी लाल शर्मा।
संस्कृत सेवकों की सेवा देवताओं की सेवा है— कुलपति प्रो बिहारी लाल शर्मा।
असहायों की सेवा कर आनंद और गौरव की अनुभूति–रोहित कुमार सिंह।
वाराणसी 05 जनवरी संवाददाता :- संस्कृत सेवकों की सेवा देवताओं की सेवा जैसा है क्योंकि संस्कृत देव भाषा है।इस परिसर में संस्कृत के सेवा करने वाले साक्षात देव स्वरूप है।उनकी सेवा करके निश्चित ही देव सेवा है।
उक्त विचार सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी के कुलपति प्रो बिहारी लाल शर्मा ने आज पूर्वाह्न 11:00 बजे पाणिनि भवन सभागार में विश्वविद्यालय एवं राष्ट्रीय युवा चेतना मंच के संयुक्त तत्वावधान में ग़रीबों, असहायों को कंबल, स्वेटर वितरित करते हुए कुलपति प्रो बिहारी लाल शर्मा ने कहा कि आज कड़कड़ाती ठंढ में इस संस्था मे कार्यरत 263 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों (संविदा एवं स्थायी कर्मी) जिसमें 233 पुरुष तथा 30 महिलाओं को उनके जरूरत के अनुसार गरम कपड़े स्वेटर और कंबल राष्ट्रीय युवा चेतना मंच के सहयोग से वितरित किया गया है। आज यह गौरव का क्षण है दिनाँक 01 जनवरी को विश्वविद्यालय के संस्थापक डॉ सम्पूर्णानन्द जी के जन्म जयंती पर वितरित करने का प्रयास था किंतु तकनीकी समस्याओं के कारण आज य़ह सौभाग्य प्राप्त हुआ है।
अभावग्रस्त लोगों को सहायता प्रदान कर मानवतावाद की परिभाषा को जागृत कर रहे हैं।—
सभी असहायों के चेहरे खिल गये हैं उनके चेहरे पर मुस्कान देखकर आनंद की अनुभूति हो रही है। इस कार्यक्रम के प्रमुख सहयोगी राष्ट्रीय युवा चेतना मंच के राष्ट्रीय संयोजक रोहित कुमार सिंह के प्रति हृदय से आभार जताते हुए कहा कि समाजसेवा की दृष्टि में यह मंच अहर्निश सेवा राष्ट्रीय स्तर पर दे रहा है। आप पवित्र संकल्प के साथ ऐसे जनसेवा का कार्य कर रहे हैं जिसमें अभावग्रस्त लोगों को सहायता प्रदान कर मानवतावाद की परिभाषा को जागृत कर रहे हैं।
यह कार्य यहां के अध्यापकों, अधिकारियों एवं विद्यार्थियों के लिए प्रेरणास्पद है।—
कुलपति प्रो शर्मा ने कहा कि समाजसेवी संगठन के राष्ट्रीय युवा चेतना के राष्ट्रीय संयोजक रोहित कुमार सिंह के इस नेक कार्य के लिए उनके उत्कृष्ट व्यक्तित्व की पहचान से सदैव असहायों, गरीबों की मदद विभिन्न तरह से करके अपने जीवन की सन्तुष्टि प्राप्त करते हैं।यह कार्य यहां के अध्यापकों, अधिकारियों एवं विद्यार्थियों के लिए प्रेरणास्पद है।ऐसे अवसर दृश्यों के माध्यम से अनेकों संदेश देते हुए अपने उद्देश्य की पूर्ति करते हैं।
राष्ट्रीय चेतना युवा मंच के संयोजक— राष्ट्रीय संयोजक रोहित कुमार सिंह कंबल, स्वेटर वितरित करते हुए कहा कि आज संस्कृत, संस्कृति एवं संस्कार के इस परिसर मे सभी असहायों को भंयकर ठंढ में गरम कपड़े देकर एक पुनीत कार्य किया जा रहा है।आज संस्कृत सेवकों को उनकी जरूरत के अनुसार सहयोगी बन आनंद और गौरव की अनुभूति कर रहा हूं।
सभी असहायों के चेहरे खिले–
आज कुलपति प्रो बिहारी लाल शर्मा जी एवं राष्ट्रीय युवा चेतना मंच के राष्ट्रीय संयोजक रोहित कुमार सिंह के हाथों से कंबल, स्वेटर की प्राप्ति करके असहायों के चेहरे पर प्रसन्नता के साथ मुस्कान खिला।
संचालन–
स्वागत और धन्यवाद–
वेद वेदांग संकाय के प्रमुख प्रो अमित कुमार शुक्ल ने संचालन करते हुए असहायों को नाम लेते हुए मंच से उनकी जरूरत की पूर्ति में सहयोगी रहे ।
उपस्थित ज़न–
कुलसचिव श्री राकेश कुमार,
प्रो रामकिशोर त्रिपाठी, प्रो रामपूजन पाण्डेय ,प्रो सुधाकर मिश्र, प्रो हरिशंकर पाण्डेय,प्रो हीरक कांत चक्रवर्ती, प्रो विजय कुमार पाण्डेय, प्रो दिनेश कुमार गर्ग, प्रो विद्या चंद्रा,डॉ पद्माकर मिश्र, अभियंता राम विजय सिंह सहित अधिकारी, कर्मचारी आदि उपस्थित थे ।।