गंगाजल का संरक्षण इसलिए आवश्यक है क्योंकि अन्य नदियों की तुलना में गंगा नदी में 25% ऑक्सीजन का लेवल ज्यादा है। गंगा के पानी में बैक्टीरिया से लड़ने की विशेष शक्ति होती है। गंगा का पानी कभी सड़ता नहीं है। दिल्ली के रिसर्च सेंटर के एक विशेष शोध में पाया गया है कि गंगा के पानी में मच्छर पैदा नहीं हो सकते। ब्रिटिश की प्रयोगशाला में पाया गया कि अगर गंगा के पानी में बैक्टीरिया मिला दिया जाएं तो सारे बैक्टीरिया केवल 3 घंटे के अंदर मर जाते हैं। अध्ययन में पाया गया है कि गंगा दुनिया की एकमात्र नदी है जो पूरी दुनिया में अन्य नदियों की तुलना में कार्बनिक कचरे को 15 से 25 गुना तेज विघटित कर सकती है। गंगा नदी पर बने टिहरी बाँध से 2400 मेगा वाट विद्युत उत्पादन, 270,000 हेक्टर क्षेत्र की सिंचाई और प्रतिदिन 102.20 करोड़ लीटर पेयजल दिल्ली, उत्तर प्रदेश एवँ उत्तराखण्ड को उपलब्ध कराया जाता है ।।