हाल ही में वैज्ञानिकों ने एक ऐसी रिसर्च की है जिसने पूरी दुनिया को हैरान कर दिया है। इस रिसर्च के मुताबिक, पृथ्वी का अंत नजदीक है, और इसके पीछे मुख्य कारण जलवायु परिवर्तन है। वैज्ञानिकों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन की तेज गति, प्राकृतिक आपदाओं की बढ़ती घटनाएं और ग्लोबल वार्मिंग धरती पर जीवन को खत्म करने की ओर बढ़ा रही हैं।
जलवायु परिवर्तन और बढ़ते खतरे
वैज्ञानिकों के अनुसार, पृथ्वी के टेक्टोनिक प्लेट्स में हो रहे बदलाव भूकंप और सुनामी जैसी आपदाओं की संभावना को बढ़ा रहे हैं। इसके अलावा, ग्लोबल वार्मिंग के कारण धरती का तापमान बढ़कर 70 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है, जिससे किसी भी प्राणी का जीवित रहना असंभव हो जाएगा।
ब्रिस्टल यूनिवर्सिटी का अध्ययन
ब्रिस्टल यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने कंप्यूटर सिमुलेशन तकनीक का उपयोग कर यह रिसर्च की। इस रिसर्च को अलेक्जेंडर फार्नस्वर्थ ने लीड किया।
ग्लोबल वार्मिंग की रफ्तार पहले से ज्यादा तेज हो गई है।
ज्वालामुखी विस्फोट से कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा तेजी से बढ़ रही है।
बढ़ते कार्बन स्तर के कारण सांस लेना मुश्किल हो सकता है, जिससे जीवन असंभव हो जाएगा।
250 मिलियन साल पुरानी बाढ़ जैसे हालात
रिसर्च में यह भी बताया गया है कि पृथ्वी पर एक बार फिर से 250 मिलियन साल पहले की तरह भयानक बाढ़ आने की संभावना है।
यह बाढ़ पृथ्वी पर मौजूद सभी जीवन को खत्म कर सकती है।
तापमान और कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा में वृद्धि से स्थिति और भी गंभीर हो सकती है।
डायनासोर की तरह लुप्त हो सकती है मानव जाति
रिसर्च के अनुसार, जिस तरह करोड़ों साल पहले डायनासोर लुप्त हो गए थे, उसी तरह मानव जाति और अन्य प्राणी भी लुप्त हो सकते हैं। कार्बन डाइऑक्साइड की अत्यधिक मात्रा और प्राकृतिक आपदाओं के चलते प्राणियों के लिए पृथ्वी पर रहना असंभव हो जाएगा।