वाराणसी जंसा स्थित कुरसातो ग्राम में , डॉ. सुबोध कुमार सिंह के नेतृत्व में जी इस मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा बनाये जा रहे बर्न सेंटर का शिलान्यास एवं भूमि पूजन डॉक्टर सुबोध एवं उनकी पत्नी श्रीमती पुष्पा सिंह ( दोनों ट्रस्टी हैं ) द्वारा किया गया।

इस अवसर पर बोलते हुए डॉक्टर वी भट्टाचार्या , जो कि एसोसिएशन ऑफ़ प्लास्टिक सर्जन्स ऑफ़ इंडिया के प्रेजिडेंट रह चुके हैं, ने कहा कि भारत के इस क्षेत्र में बर्न हॉस्पिटल की बड़ी आवश्यकता है और उनके शिष्य ने भारत के इस बड़े भाग की एक बड़ी जरूरत को पूरा करने बीड़ा उठाया है। ” मुझे विश्वास है कि क्लेफ्ट मिशन की भांति वो अपने बर्न मिशन में भी सफल होंगे और न केवल उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और छत्तीसगढ़ बल्कि सम्पूर्ण भारत के बर्न पेशेंट्स के लिए आशा की किरण लाएंगे. “

उन्होंने ने बताया कि जले हुए मरीजों का इलाज काफी मुश्किल होता है और इसमें उच्च स्तर की काबिलियत , सुविधाएं और लगन की आवश्यकता होती है और मैं सुबोध को पिछले ४२ सालों से जानता हूँ और मुझे विश्वास है की उनके द्वारा बनाया गया यह अस्पताल चिकित्सा जगत में मील का पत्थर साबित होगा.
उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री माननीय दयाशंकर मिश्र ‘ दयालु ‘ ने कहा-

कटे होठ और तालु के इलाज में अंतरराष्रीया ख्याति प्राप्त डॉक्टर सुबोध कुमार सिंह , जिनके कार्योंपर बनी डॉक्यूमेंट्री स्माइल पिंकी को ऑस्कर अवार्ड भी मिला है और बर्न गर्ल रागिनी अनेकों पुरस्कार जीत चुकी है , ने बताया कि यह बर्न सेण्टर भारत का सबसे बड़ा बर्न सेण्टर बनेगा और अत्याधुनिक बर्न केयर सुवुधाये प्रदान करेगा। यह सुविधाएं जनसाधारण को सुलभ होनी और अस्पताल को नो प्रॉफिट नो लॉस एवं क्रॉस सब्सिडी मॉडल पर चलाया जाएगा जहाँ 50 प्रतिशत मरीजों का निःशुल्क अथवा अल्प शुल्क पर किया जाएगा।

डॉ सुबोध ने बताया कि इस अस्पताल में 125 बेड होंगे ,जिसमे २५ बर्न आई सी यू ,१२ एच डी यू एवं 55 जनरल वार्ड बीएड होंगे। इसमें एक ब्लड बैंक भी होगा।

उन्होंने ने बताया की यह अस्पताल ना केवल जले हुए मरीजों के इलाज के लिए सर्वोत्तम अस्पताल होगा बल्कि इसमें बर्न के इलाज के लिए डॉक्टर एवं पैरामेडिकल स्टाफ को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
स्किन बैंक _ इस बर्न सेण्टर में एक स्किन बैंक भी बनाया जाएगा जिसमें डोनर स्किन को वैज्ञानिक तरीके से संरक्षित किया जाएगा। डोनर स्किन का प्रयोग अधिक जले हुए मरीजों की जाली हुयी खाल हटाकर उसके स्थान पर लालगाने के लिए किया जाता है। इससे गंभीर मरीजों की जान बच सकती है।
टेलीमेडिसिन – बर्न सेण्टर में टेलेमेडिकने की सुविधाएं भी होंगी जिससे दूर दराज के अस्पताल जुड़े होंगे। यह अस्पताल 24×7 बर्न इमरजेंसी में टेलीफोन और टेलीमेडिसिन द्वारा सलाह देगा जिससे मरीजों का तत्काल सही इलाज शुरू किया जा सके।

सरकारी अस्पतालों से पार्टनरशिप के लिए भी प्रयास किया जाएगा जिससे अधिक से अधिक मरीज इसका बर्न सेंटर का लाभ उठा सकें।

ज्ञातव्य है कि भारत में प्रतिवर्ष ६० से ७० लाख लोग जलते हैं. इसमें से 10 प्रतिशत लोग गंभीर रूप से जल जाते हैं और लगभग 140,000 लोग मर जाते हैं और लगभग 150,000 मरीजों के अंग विकृत हो जाते हैं . जले हुए मरीजों के इलाज की सुविधाएं भारत में अभी भी बहुत सीमित हैं। ऐसे में बहुत से मरीजों का इलाज विशेषज्ञों द्वारा नहीं हो पता तथा मृत्यु दर एवं विकृति दर बहुत ही अधिक है।

कार्यक्रम में काशी के गणमान्य चिकित्सकों ने भाग लिया जिसमे लव कुमार सिंह , के वी पी सिंह ,के सी गुप्ता , संतोष सिंह , आर के ओझा , रोहित गुप्ता ए एन सिंह , जयंतो तपादर ,गौरव नय्यर ,ईशान सिंह , आयुष कुमार सिंह इत्यादि शामिल थे. बड़ी संख्या में स्थानीय गणमान्य लोग एवं ग्राम प्रधान इत्यादि ने भी भाग लिया। उन्होंने इस अस्पताल को इस क्षेत्र के विकास के लिए एक बड़ा कारक बताया और क्षेत्र में रोजगार बढ़ने की आशा भी व्यक्त की।
कार्यक्रम का संचालन डॉ निमिषा सिंह ने किया जो स्वयं एक प्लास्टिक सर्जरी रेजिडेंट हैं।

शिलान्यास की पूजा पंडित सुरेश शास्त्री एवं उनके शिष्यों द्वारा किया गया ।।

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