पीड़ित महिला नेहा सिंह ने पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल को कहा धन्यवाद अब शायद हमें न्याय मिल पायेगा वाराणसी पुलिस के द्वारा ||
वाराणसी :- पीड़ित महिला नेहा सिंह पत्नी अनूप कुमार सिंह थाना बैरिया जनपद बलिया निवासी ने पुलिस आयुक्त कमीशनरेट वाराणसी मोहित अग्रवाल से लगायी न्याय की गुहार दिया प्रार्थना पत्र | पीड़ित महिला ने पुलिस आयुक्त के सामने अपनी समस्याओं को बताया जिस पर पीड़ित महिला के साथ न्याय करते हुए पुलिस आयुक्त ने मामले को गंभीरता से संज्ञान में लेते हुए डीसीपी मुख्यालय कमीशनरेट वाराणसी को जाँच कर आवश्यक कार्यवाही करने का दिया आदेश जिस पर पीड़ित महिला ने पुलिस आयुक्त के द्वारा किए गए न्यायपूर्ण कार्यों को लेकर उन्हें धन्यवाद दिया और बतायी की पिछले कुछ दिनों से हम बलिया से वाराणसी पुलिस आयुक्त वाराणसी से मिलने के लिए आ रहें थे लेकिन उनसे मुलाक़ात नहीं हो पा रहा था आज मुलाक़ात कर अपनी समस्याओं को बताया जिस पर उन्होंने मामले को तत्काल ही संज्ञान में लिया और डीसीपी मुख्यालय को जाँच कर आवश्यक कार्यवाही करने का आदेश जारी कर दिया जिससे लगता है काफ़ी समय बाद शायद अब हमें न्याय मिल पायेगा |
पीड़ित महिला नेहा सिंह ने मिडिया के सामने अपनी समस्याओं को विस्तार से बताया की मेरे पति अनूप कुमार सिंह उत्तर प्रदेश पुलिस में आरक्षी है जो की पिछले कुछ वर्षो से वाराणसी जनपद में तैनात थे जिनका ट्रांसफर जालौन हो चूका है जो की वह डियूटी पर नहीं गए है वाराणसी में ही सरकारी आवास में रहते है | बताया की बीते दिनों सात अप्रैल 2025 को जनपद बलिया से न्यायालय वाराणसी आयी थी न्यायालय में आरक्षी अनूप सिंह पहले से मौजूद थे न्यायालय में सी०जे०एम० वाराणसी कोर्ट में बैठे थे कि तभी मेरे अधिवक्ता द्वारा यह बताया गया कि अनूप कुमार सिंह के खिलाफ बलिया न्यायालय से वारण्ट हेतु पुलिस महानिदेशक,उ०प्र० लखनऊ को बलिया न्यायालय द्वारा भेजा गया है | पूरी उ०प्र० की पुलिस खोज रही हैं तथा इस समय कान्स्टेबल अनूप सिंह न्यायालय वाराणसी में मौजूद हैं इनकों गिरफ्तार कर लिया जाय तथा पुलिस विभाग से भगौड़े सिपाही हैं |
न्यायालय को ज़ब बताया गया तो न्यायालय वाराणसी ने कहा कि सिपाही अनूप सिंह को तुरन्त कस्टर्डी में लिया जाय जैसे ही जज साहब ने कहा तभी अनूप सिंह इसी बात को सुनकर तुरन्त न्यायालय से भाग गया जैसे ही हम अपने मुकदमें में तारीख लेकर न्यायालय वाराणसी के गेट नम्बर एक से निकल रहे थे तभी अनूप सिंह हम पर पीछे से हमला कर दिया तथा अपने कमर से बेल्ट निकालकर बेल्ट से मेरे गर्दन को लपेटकर जान से मारने की नियती से गला कसकर दबाने लगा तथा ज़ब मैं चिखने लगी तभी वहां मौजूद अज्ञात महिलाओं ने बचाव किया | किसी तरह मैं भागकर पुलिस चौकी कचहरी गयी और मेरा पीछा करते हुए अनूप सिंह कचहरी चौकी गया वहां पर भी मुझको मारनें के लिए गया तभी वहां मौजूद पुलिस कर्मीयों ने अनूप सिंह को बैठा लिया | अपने साथ हुए घटना को चौकी इंचार्ज कचहरी को बताया तभी चोकी इंचार्ज कचहरी ने बोले कि अपनी घटना का लिखित तहरीर दीजिए | लिखित तहरीर दिये जाने बाद चौकी इंचार्ज कचहरी ने बताये कि आप थाना कैण्ट जाइए हम इनकों कैण्ट थाना भेज रहे हैं जब थाना कैण्ट पर गयी तो थाना प्रभारी कैण्ट मौजूद थे हमनें कहा कि हमारे साथ इसके पहले भी अनूप सिंह ने जान से मारने की कोशिश किया हैं और मारपीट भी किया है जिसकी जॉच उच्च अधिकारी द्वारा किया गया हैं जिसमें आरक्षी अनूप सिंह दोषी पाये गये हैं | थाना प्रभारी कैंट ने हमारे द्वारा दिये गये तहरीर पर आरक्षी अनूप सिंह को थाने के लाकअप में बैठा दिया | सात अप्रैल 2025 को एफआईआर दर्ज करने एवं चोट की डाक्टरी मुआयना हेतु आदेश दिया गया कैण्ट थानें से महिला कान्स्टेबिल के साथ मेडिकल कराने के लिये भेज दिया गया ||